- अवैध रूप से लकड़ी माफियाओं पर होगी सख्त कार्रवाई: पिलानियां
(Bhiwani News) लोहारू। वन विभाग की लंबी सुस्ती के बाद आखिर विभाग की टीमें अब अलर्ट मोड में नजर आने लगी है। बीती देर रात्रि को वन सरंक्षक हिसार की टीम ने राजस्थान से अवैध रूप से लाई जा रही लकड़ी से भरी तीन पिकअप पकडक़र राजस्व वसूला। अवैध रूप से लाई जा रही लकड़ी के वाहनों पर कार्रवाई करते हुए करीब डेढ़ लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
वन विभाग की इस कार्रवाई से अवैध लकड़ी वाहन चालकों में मच गया हडकंप
वन सरंक्षक हिसार वन विभाग की फ्लाइंग में वन राजिक अधिकारी दिनेश मेहता, बजरंग उप वन राजिक अधिकारी अमनदीप, कुलदीप आदि की टीम ने बीती रात्रि को अवैध रूप से राजस्थान से लाई जा रही लकडिय़ों से भरे वाहनों पर सख्ती दिखाई है। वन विभाग की इस कार्रवाई से अवैध लकड़ी वाहन चालकों में हडकंप मच गया और वे हरियाणा में प्रवेश करने की बजाए पतली गली से भागते नजर आए। ध्यान रहे सिंघानी और सिवानी में लकड़ी की बड़ी मात्रा में खपत होती है। इसमें अधिकांश पिकअप अवैध रूप से लकड़ी यहां बेचते हैं। वन राजिक अधिकारी ओपी पिलानिया ने बताया कि राजस्थान के अवैध लकड़ी माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए तीन अवैध लकड़ी से भरी हुई पिकअप को पकड़ा गया है। और इनसे करीब डेढ़ लाख रुपये राजस्व की वसूली की गई है।
उन्होंने बताया कि लोहारू के रास्ते किसी भी प्रकार से अवैध रूप से राजस्थान से आने वाली लकड़ी की गाडिय़ों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। इस प्रकार के वाहनों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लकड़ी माफियाओं को चेतावनी दी है कि अवैध लकड़ी के कारोबार को या तो छोड़ दें वरना यहां से गुजरने पर होगी सख्त कार्रवाई।
जाने कहां से आती है अवैध लकडिय़ां और किन रास्तों को प्रयोग कर पहुंचते हैं सिंघानी व सिवानी अवैध रूप से लकड़ी का व्यापार करने वाले लकड़ी माफिया राजस्थान से रात के अंधेरे में लकड़ी से भरी पिकअप हरियाणा में लेकर आते हैं और वे इससे मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। ये माफिया लोहारू-सूरजगढ़ सडक़ मार्ग, सूरजगढ़ से सतनाली होते हुए हरियाणा में प्रेवश करते हैं और रात के अंधेरे में पुराना शहर से होते हुए झुप्पा सडक़ मार्ग से कच्चे पक्के रास्तों से सिघांनी व सिवानी को पहुंचते हैं। वन राजिक अधिकारी ओपी पिलानियां ने बताया कि इन रास्तों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी को किसी प्रकार से कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। लकड़ी माफियाओं पर कड़ा संज्ञान लिया जा रहा है।
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