(Bhiwani News) लोहारू। लोहारू व आसपास क्षेत्र में इस समय किसानों की रबी फसलें लहलहाने लगी है। गेहूं व सरसों की फसल इस समय पूरे यौवन पर है तथा सरसों फसल धीरे धीरे पकाव की ओर बढ़ रही है। ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को छुट्टा पशुओं से बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है वहीं उन्हें रातभर जागकर अपनी फसलों की पहरेदारी करनी पड़ रही है। किसान अपनी फसलों को छुट्टा पशुओं से बचाने के लिए रखवाली कर रहे है।
सभी गांवों में छुट्टा पशुओं की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या किसानों के लिए बड़ी आफत बन गई
किसानों के खेतों में झुंड के रूप में घुसने वाले ये छुट्टा पशु किसानों की फसलों को खेतों में घुसकर तहस नहस कर रहे है जिससे किसान परेशान नजर आ रहे है। गांव ढाणी टोडा, गिगनाऊ, फरटिया केहर, ढाणी रहीमपुर, सोहासड़ा, फरटिया ताल, ढाणी श्यामा सहित सभी गांवों में छुट्टा पशुओं की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या किसानों के लिए बड़ी आफत बन गई है। इन पशुओं के झुंड जिधर से भी गुजरते हैं वहां खड़ी फसल को मिनटों में चौपट कर डालते हैं। इन पशुओं में सर्वाधिक संख्या विदेशी नस्ल की गाय व बछड़े की है।
दूसरे क्षेत्र में धकेलने को लेकर किसानों के बीच आए दिन झगड़े भी होते रहते
इनको अपने क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में धकेलने को लेकर किसानों के बीच आए दिन झगड़े भी होते रहते हैं। हालत ऐसी है कि किसान रात दिन खेतों में पहरा देते हैं और जरा सी लापरवाही होते ही ये पशु पूरी फसल का काम तमाम कर डालते हैं। गौरतलब है कि लोहारू क्षेत्र में नीलगाय पहले से ही किसानों के लिए बड़ी चुनौती रही है। अब छुट्टा गायों की बढ़ती संख्या ने तो किसानों का सुख चैन छीन लिया है।
किसान जागेराम, ओमप्रकाश, सुरेंद्र सिंह, जगदीश, भूपेंद्र, देवीलाल, राजबीर आदि किसानों ने बताया कि क्षेत्र के हर गांव में दर्जनों की संख्या में गाय बछड़े घूम रहे हैं जो मौका मिलते ही फसलों को अपना ग्रास बना लेते हैं। जब इन्हें खेत से बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है तो ये इतने हिंसक है कि अकेले व्यक्ति पर तो ये हमला करने से भी पीछे नहीं हटते।
वहीं किसान जब इन्हें अन्य क्षेत्रों में निकालने का प्रयास करते है तो दूसरे किसानों के साथ टकराव की नौबत पैदा हो जाती हैं। किसानों का कहना हैं कि गौशालाओं में जाकर सवामणी और केक काटकर फोटो खिंचवाने वाले तथा कथित गौ भक्तों को दर-दर ठोकरें खाता घूम रहा गोवंश नजर नहीं आता। किसानों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि गांवों में बेसहारा गोवंश के आश्रय का प्रबंध कर उन्हें गौशालाओं में भिजवाया जाए ताकि ये किसानों की फसलों को खराब न कर सके।
यह भी पढ़ें : Bhiwani News : 8 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर हुई बैठक