(Bhiwani News) लोहारू। बुधवार को एसकेएम के बैनर तले स्थानीय एसडीएम कार्यालय परिसर में किसानों की पंचायत आयोजित हुई। पंचायत से पूर्व किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम से निष्पक्ष जांच की मांग की तथा 24 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया। किसानों ने प्रशासन व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 24 जुलाई को निष्पक्ष जांच की कॉपी उनको नहीं दी गई और जांच में किसी को बचाने का प्रयास किया तो किसान बड़ा फैसला लेने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी। किसानों का आरोप है कि यह मामला अकेले फरटिया केहर का नहीं अपितु खरकड़ी बावनवाली में भी मुआवजे में किसानों के साथ भ्रष्ट गिरदावर व पटवारियों ने सांठगांठ कर मुआवजा हड़पने का कारनामा कर रखा है इसके लिए उन्होंने पूरे लोहारू खंड में हुए मुआवजा वितरण की जांच करने की मांग की गई है। वहीं मामले में संलिप्त पटवारी को फील्ड के कार्य से हटाकर ऑफिस के कार्य में लगाया गया है।
एसकेएम के बैनर तले किसानों ने एसडीएम को 12 जुलाई को ज्ञापन देकर 16 जुलाई तक का समय दिया
उल्लेखनीय है कि फरटिया केहर गांव के प्रदीप कुमार ने आरटीआई के तहत अपने गांव के 67 किसानों की खरीफ फसल 2021 की मैनुअल मुआवजा राशि वितरण का रिकॉर्ड मांगा गया था। जिसमें प्रशासन की तरफ से किसान को दी गई उक्त 67 किसानों की मुआवजा वितरण से संबंधित जानकारी में खुलासा हुआ कि किसानों की मुआवजा राशि किसी अन्य लोगों के बैंक खातों में डालकर हड़प ली गई। जिसमें पात्र किसानों को वंचित रखा गया है। इसके बाद एसकेएम के बैनर तले किसानों ने एसडीएम को 12 जुलाई को ज्ञापन देकर 16 जुलाई तक का समय दिया था। जिसके चलते बुधवार को किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष, कर्मवीर फरटिया, धर्मपाल बारवास, दयानंद, जग रोशन, नरेश पहाड़ी, कविता आर्य, पृथ्वी सिंह गोठड़ा, युद्धवीर सिंह ने एसडीएम से मुलाकात की। इसके बाद एसडीएम ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस मामले में तहसीलदार विक्रम सिंगला को जांच सौंपी गई है। एक सप्ताह में निष्पक्ष जांच कर 24 जुलाई को जांच रिपोर्ट किसानों की कमेटी को सोंप दी जाएगी। कमेटी ने रिकॉर्ड से किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना हो इसके लिए एसडीएम को रिकॉर्ड जब्त करने की मांग रखी है। ध्यान रहे इस मामले में अभी तक की जांच में कुल 37 किसानों के नाम सामने आ चुके हैं जो फर्जी हैं और उनको करीब पौने 4 लाख रुपये की राशि वितरित की गई है। बताया जा रहा है कि यह मुआवजा राशि कम से कम 500 रुपये से लेकर अधिकतम 35 हजार रुपये प्रति किसान हो सकती हैं।
एसकेएम की कमेटी दोषियों के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग रखेगी।
भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद, जिला प्रधान मेवा सिंह आर्य, खंड प्रधान रविंद्र कस्वां आदि ने बताया कि खरीफ फसल 2021 की मैनुअल मुआवजा राशि वितरण में पटवारी, गिरदावर, नंबरदार ही नहीं बल्कि इसमें तहसीलदार, कृषि विभाग के अधिकारी भी संलिप्त हैं। यदि इस मामले में 24 जुलाई का जांच रिपोर्ट की कॉपी मिलने के बाद कोताही मिलने पर एसकेएम की कमेटी दोषियों के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग रखेगी। दोषियों पर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो कड़ा फैसला लिया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।
भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने बताया कि लोहारू तहसील में 74 ग्राम पंचायतें हैं अगर निष्पक्ष तरीके से इसकी जांच की जाए तो करोड़ों रुपये का गबन 2020 से 2024 में बीच मुआवजा वितरण में मिलेगा। उन्होंने प्रदेश के वित्त मंत्री से मांग की है कि मुआवजा वितरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी किसानों के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ ना कर सके। यदि ऐसा नहीं हुआ तो किसान फिर से आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।