Bhiwani News : फैमिली आईडी की खामियां उजागर : साढ़े चार साल के बच्चे की लाखों में आमदनी या फिर जीवित को दिखाया मृत

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Bhiwani News : फैमिली आईडी की खामियां उजागर : साढ़े चार साल के बच्चे की लाखों में आमदनी या फिर जीवित को दिखाया मृत
भिवानी में समाधान शिविर में जन समस्याएं सुनते हुए उपायुक्त महावीर कौशिक।
  •  समाधान शिविर में उपायुक्त महावीर कौशिक ने दिए सख्त निर्देश, फैमिली आईडी में गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई

(Bhiwani News) भिवानी। हरियाणा सरकार द्वारा पारदर्शिता के लिए लागू की गई फैमिली आईडी प्रणाली अब लगातार विवादों में घिरती जा रही है। कभी किसी जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है तो कभी निर्धन परिवारों को अमीर बताकर उनकी सरकारी सहायता बंद कर दी जाती है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को उपायुक्त महावीर कौशिक के समाधान शिविर में सामने आया, जहां साढ़े चार वर्षीय शिवम और छह वर्षीय सिव्यांगी की सालाना आमदनी लाखों में दर्शाई गई थी।

फैमिली आईडी में परिवार की आय छह से आठ लाख रुपए दर्शाई गई

ढोबी तालाब क्षेत्र की विधवा ओमवती ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि फैमिली आईडी में उनके परिवार की आय छह से आठ लाख रुपए दर्शाई गई है, जबकि हकीकत में उनके पास कोई स्थायी आय का साधन नहीं है। उनके पति का देहांत हो चुका है और वह बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्च के लिए विधवा पेंशन पर निर्भर थीं, लेकिन फर्जी आय दर्ज होने के कारण उनकी पेंशन भी बंद कर दी गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उनके चार वर्षीय बेटे शिवम की सालाना आय तीन लाख और छह वर्षीय बेटी सिव्यांगी की आमदनी करीब दो लाख बताई गई थी।

यह सुनते ही उपायुक्त महावीर कौशिक हैरान रह गए और तुरंत क्रीड विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि फिजिकल वेरिफिकेशन कर वास्तविक आय को सही किया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जानबूझकर फैमिली आईडी में गड़बड़ी करने वाले सीएससी सेंटर संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई

गांव पाजू निवासी सुनील कुमार ने बताया कि उनके पिता भरत सिंह को फैमिली आईडी में मृत दिखा दिया गया है, जबकि वे जीवित हैं। इसके चलते उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई है। इसी तरह, मताणी गांव के दरियाव सिंह ने खेतों की सिंचाई के लिए मोरी लगवाने की गुहार लगाई, तो शीला पत्नी सुरेश कुमार ने पीपीपी में गलत दर्ज आय को कम करवाने की मांग की।

फैमिली आईडी में गलत आंकड़ों की वजह से कई गरीब परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। एक तरफ सरकार दावा करती है कि यह प्रणाली पारदर्शिता लाएगी, वहीं दूसरी ओर फर्जी आंकड़ों की वजह से विधवाओं की पेंशन बंद हो रही है, वृद्धों की सहायता राशि रोक दी जा रही है और कई जरूरतमंद लोग अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार इन गलतियों को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर जनता यूं ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाती रहेगी? क्या सीएससी सेंटरों पर फैमिली आईडी में की जा रही गड़बडय़िों पर कोई कठोर कार्रवाई होगी? समाधान शिविर में उठी आवाजों ने फैमिली आईडी प्रणाली की सच्चाई को उजागर कर दिया है।

सरकारी योजनाए लोगों की परेशानियों का सबब बनती जा रही

फैमिली आईडी प्रणाली लागू करने का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से दिलाना था, लेकिन अब यह लोगों की परेशानियों का सबब बनती जा रही है। समाधान शिविर में ओमवती के अलावा कई अन्य शिकायतकर्ता भी पहुंचे।

उपायुक्त ने समाधान शिविर में मौजूद अधिकारियों को लंबित शिकायतों का तुरंत समाधान करने और एटीआर पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए। इस मौके पर तहसीलदार सुरेश कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी आशीष मान, यातायात प्रबंधक भरत सिंह परमार, सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

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