(Bhiwani News ) लोहारू। विगत दिनों लोहारू और आसपास के क्षेत्र में हुई बरसात से खेतों में जाने वाले कच्चे रास्तों में जलभराव लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। रेलवे अंडर पास से भावठड़ी सीमा तक खेतों में जाने वाले वाले कच्चे रास्ते बरसात के पानी से लबालब हो गए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए किसानों व ग्रामीणों ने 9 अगस्त को एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर रास्तों पर मिट्टी के भराव करने की मांग की थी। जिस पर एसडीएम ने नपा को समस्या के समाधान के निर्देश दिए थे परंतु तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। जिसको लेकर लोगों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। इसके लिए रविवार को गणमान्य लोगों की एक बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि आज इस मामले में एसडीएम से फिर मुलाकात की जाएगी।
इस समस्या को लेकर लोगों ने विगत दिवस एसडीएम अमित कुमार से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की थी
शहीद भगत सिंह कल्याण समिति के प्रधान जगदीश जायलवाल सैन, किसान खेत कमेटी के उप प्रधान सुनील नेहरा, महासचिव राजेश सिंह शेखावत, दायाराम नायक, भाजपा के वरिष्ठ नेता कमलेश भोडूका, भाजपा के युवा नेता सुभाष चंद्र सैनी जी, बलवान सिंह पूनिया पूर्व बीडीसी मेंबर,जोनी शेखावत,ओमप्रकाश सिंह शेखावत उर्फ खाजल सिंह ठेकेदार, अनूप शर्मा, बाबुलाल सैन उर्फ जोनी, सुनिल कुमार, सुन्दर नायक, गोपी राम सैन, शायर सिंह शेखावत आदि ने बताया कि रेलवे अंडर पास से भावठड़ी सीमा तक खेतों में जाने वाले कच्चे रास्ते का बुरा हाल है। एसडीएम के आदेश के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर लोगों ने विगत दिवस एसडीएम अमित कुमार से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की थी। जिस पर एसडीएम अमित कुमार ने नपा को उक्त रास्ते का तुरंत प्रभाव से ठीक करवाने के आदेश दिए थे।
परंतु तीन दिन बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस है। इसके कारण खेतों में आने जाने वाले लोगों व स्कूल में जाने वाले बच्चों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्कूल वाहन उनके घरों तक नहीं आ रहे हैं जिसके चलते बच्चों की स्कूल की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। बैठक में मौजूद लोगों ने फैसला लिया इस समस्या के निराकरण के लिए आज एसडीएम से फिर मुलाकात की जाएगी।लोगों का कहना है कि एसडीएम लोगों की समस्या सुनने के लिए समाधान शिविर लगा रहे हैं जब लोगों की समस्या का समाधान ही नहीं होता तो इस प्रकार के शिविरों का कोई मतलब नहीं रह जाता।