Bhiwani News : भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाकर ही एक सभ्य और सुसंस्कृत समाज की स्थापना संभव  : प्रेमलता सर्राफ

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Establishment of a civilized and cultured society is possible only by adopting the ideals of Lord Shri Ram: Premlata Sarraf
भगवान श्रीराम का राजतिलक समारोह के अवसर पर उपस्थित प्रेमलता सर्राफ व अन्य अतिथिगण व कलाकार।

(Bhiwani News) भिवानी। भारत माता अभिनंदन संगठन की भिवानी इकाई द्वारा राष्ट्रव्यापी जन जागरण अभियान के अंतर्गत भगवान श्रीराम का राजतिलक समारोह आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य दीपावली के दिन हर नागरिक भगवान श्रीराम का राजतिलक करे। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम दास ने बताया कि यह समारोह गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी इसलिए आयोजित किया गया ताकि यह संदेश प्रसारित हो सके। कार्यक्रम में विधायक घनश्याम सर्राफ की धर्मपत्नी प्रेमलता सर्राफ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

मुख्य अतिथि प्रेमलता सर्राफ ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं को भगवान श्रीराम के जीवन आदर्शों से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाकर ही एक सभ्य और सुसंस्कृत समाज की स्थापना संभव है। यह आयोजन आज के युवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे उन्हें भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र और उनके आदर्शों से परिचित होने का अवसर मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर ही हम एक बेहतर और सुसंस्कृत समाज का निर्माण कर सकते हैं।

इस समारोह में विद्यार्थियों ने भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न के किरदार निभाए। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के राजतिलक के जीवंत दर्शन किए, जिसमें भरत और शत्रुघ्न ने राम को राजसिंहासन पर बैठने का आमंत्रण दिया। पूरे हॉल में “जय श्रीराम” और “राम राम जय राजा राम” के नारों से वातावरण गूंज उठा। फलाहारी महाराज ने गुरु वशिष्ठ के रूप में भगवान राम का राजतिलक किया, जिससे उपस्थित लोगों में उत्साह और हर्ष का माहौल छा गया।

समारोह की आयोजक मंजू मित्तल ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से लोगों को दीपावली पर भगवान श्रीराम के राजतिलक की परंपरा को पुन: जागृत करने का संदेश दिया गया। इस अवसर पर कथावाचक शशि भूषण भारद्वाज ने राम के राजतिलक का प्रसंग सुनाया, जबकि राम गोपाल ने अपने भजनों द्वारा भगवान राम और हनुमान की स्तुति की।

 

 

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