- उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से फसलों में आ रहा पीलापन
(Bhiwani News) लोहारू। दक्षिण हरियाणा के अंतिम छोर पर राजस्थान की सीमा से सटे लोहारू क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बदल रहे मौसम व फरवरी माह में ही बढ़ रहे तापमान के बीच रेतीली भूमि में मौजूदा उर्वरा शक्ति व सूक्ष्म तत्वों की कमी से किसानों की फसलें प्रभावित हो रही है। किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं, चने व जौ की फसलों में अचानक से पीलापन देखने को मिल रहा है।
अचानक तापमान में वृद्धि के चलते किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा
फसलों में पीलापन आ जाने के कारण किसान अपनी फसल को लेकर खासे चिंतित नजर आ रहे है। क्षेत्र में बरसात व आशानुरूप कोहरा न पडऩे व फरवरी माह में ही अचानक तापमान में वृद्धि के चलते किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर रेतीली भूमि में सूक्ष्म तत्वों की कमी व मजबूरी में उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से भी किसानों में फसल प्रभावित होने का भय बन गया है।
ध्यान रहे कि फसल चक्र न अपनाने तथा बार-बार एक ही प्रकार की फसल के चलते भी भूमि के पोषक तत्व काफी कम हो गए है जिससे सूक्ष्म पोषक तत्वों व खाद की कमी से फसलों को पूरा पोषण नहीं मिल पाता। इस कारण भी फसलें प्रभावित हो रही है तथा उनकी वृद्धि पर असर पड़ रहा है। कृषि विभाग ने किसानों को स्थिति से निपटने के लिए घबराने की बजाए सिंचाई के साथ सूक्ष्म तत्वों वाली खाद का प्रयोग करने की अपील की है।
तापमान में वृद्धि के चलते अचानक ही पौधों के ऊपर पीलापन नजर आ रहा
उल्लेखनीय है कि मौजूदा रबी सीजन में क्षेत्र के गांवों के कृषि भूमि में बोई गई गेहूं, जौ की फसलों में पीलापन छाने लगा है। प्रभावित किसानों ने बताया कि गेहूं की फसलों में जनवरी माह के अंतिम दिनों में सर्द मौसम के कारण पहले तो हरियाली नजर आई लेकिन पिछले एक पखवाड़े से दिन के समय तापमान में वृद्धि के चलते अचानक ही पौधों के ऊपर पीलापन नजर आ रहा है।
ध्यान रहे कि इस समय रबी की फसलें अपने यौवन पर हैं और इस क्षेत्र की रेतीली भूमि में फास्फोरस, जिंक व सल्फेट जैसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म तत्वों की भारी कमी होने से फसलों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे है। इस कारण फसलों में वृद्धि नहीं हो पा रही है। वहीं जिन किसानों ने अपने खेतों में देशी खाद का प्रयोग किया है वहां फसलें लहलहा रही है तथा फसलों की वृद्धि भी हो रही है।
जागरूकता शिविर का आयोजन कर उचित सलाह व सूक्ष्म तत्वों की पूर्ति करने वाली खाद मुहैया करवाने की मांग
जिन खेतों में किसानों द्वारा लंबे समय से हरी या घरों में तैयार होने वाली देशी खाद का प्रयोग नहीं किया गया वहां पर फसलों में पीलेपन की शिकायत अधिक है। स्थिति को देखते हुए किसानों ने हिसार स्थित कृषि विश्वविद्यालय में संपर्क करना शुरू कर दिया है। क्षेत्र के किसानों ओमप्रकाश, महाबीर सिंह, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, किशनलाल आदि ने कृषि विभाग से खंड स्तर पर जागरूकता शिविर का आयोजन कर किसानों को उचित सलाह व सूक्ष्म तत्वों की पूर्ति करने वाली खाद मुहैया करवाने की मांग की है।
इस बारे में कृषि अधिकारी डा. विनोद सांगवान ने बताया कि लोहारू क्षेत्र में पीले रतुआ का प्रकोप अभी नहीं है परंतु मौसम में बदलाव व कई गांवों की भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी आने से गेहूं की फसलों में पीलापन देखने को मिल रहा है। इसके समाधान के लिए किसानों को फसलों में हल्की सिंचाई के साथ-साथ सूक्ष्म तत्वों की पूर्ति करने वाले खादों का प्रयोग करना चाहिए।
यह भी पढ़ें : Bhiwani News : ढाणी रहीमपुर में सैनिक भोपाल सिंह की पुण्यतिथि पर ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि