(Bhiwani News) भिवानी। खेल नगरी भिवानी के ना केवल बेटे, बल्कि बेटियां भी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में अपनी अलग पहचान रखती है तथा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीतकर दुनिया को यह बताती है कि अब बेटियां सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं है, बल्कि वे भी हौसला रखे तो सफलता की ऊंचाइयों को छू सकती है। ऐसा ही एक उदाहरण गांव अजीतपुर की बेटी दीक्षा मलिक ने पेश किया है।
बेटियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनी
जिन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में विश्व चैंपियन को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर ना केवल जिला व प्रदेश का नाम भी रोशन किया है, बल्कि अपनी प्रतिभा व उपलब्धि के चलते अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनी है। दीक्षा के कोच मनदीप ने बताया कि 14 से 17 जनवरी तक पंजाब के भटिंडा में स्थित गुरू काशी विश्वविद्यालय में आयोजित हो रही ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में दीक्षा मलिक ने 72 किलोग्राम भार वर्ग की कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल हासिल किया है। उन्होंने बताया कि दीक्षा ने यह स्वर्ण पदक वर्ल्ड चैंपियन को हराकर जीता है।
बेटियों ने हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई
वही दीक्षा की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए पिता सुरेश कुमार व चाचा बिंद्रबोस ने कहा कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं है, चाहे वो खेल का क्षेत्र हो या फिर शिक्षा का। बेटियों ने हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि दीक्षा की उपलब्धि अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणा बनेगी तथा उन्हे आगे बढक़र अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
स्वर्ण पदक विजेता दीक्षा मलिक ने अपनी जीत का श्रेय कोच व परिजनों को देते हुए कहा कि उन्ही के उत्साहवर्धन की बदौलत वे आज इस मुकाम तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि वे भविष्य मेें होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए और भी मेहनत करेंगी तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने के लिए जी-जान लगा देंगी।
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