(Bhiwani News) लोहारू। नशा केवल नशा करने वाले व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद नहीं करता बल्कि पूरे परिवार को दुखों में डुबो देता है। सबसे ज्यादा दुख शराबी लडक़ों से शादी करने वाली लडक़ीयों को भोगने पड़ते हैं। हर मां-बाप को बेटी की शादी से पहले यह जानना चाहिए कि कहीं लडक़ा नशा तो नहीं करता। नशा करने वाले लडक़ों से शादी से इन्कार करना लड़कियों का अधिकार है। यह बात राजकीय महिला महाविद्यालय लोहारू में चल रहे विशेष एनएसएस शिविर के दौरान नशामुक्ति परिषद लोहारू के संस्थापक राकेश आर्य ने कही।

ऋषिवर का एकमात्र उद्घोष था कि वेदों कि ओर लोटो

उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती पर रविवार को शिविर में उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि ऋषिवर का एकमात्र उद्घोष था कि वेदों कि ओर लोटो। उन्होंने कहा कि आज जागरूकता के अभाव में कहीं लड़कियां कहीं लव जिहाद के शिकार हो रही हैं तो कहीं कन्या भ्रूण हत्या जैसे पाप की घटनाएं सामने आ रही है। युवा लडक़े भी नशे और अपराध की ओर जा रहे हैं। इन सब का एक ही समाधान है और वह है वेद मार्ग अपनाना। वेद का मतलब ही ज्ञान होता है।

उन्होंने कहा कि आर्य समाज सदैव नशे के खिलाफ लड़ता रहा है। आगामी नए शैक्षणिक सत्र में अप्रैल से नशामुक्ति परिषद लोहारू स्कूल कॉलेजों में एक विशेष नशा मुक्ति अभियान चलाने के लिए तैयार है।

राकेश आर्य का मानना है की माता-पिता गुरुजन और सामाजिक गणमान्य लोगों की लापरवाही के कारण युवा बच्चे बुराइयों की तरफ जा रहे हैं। शिविर में उपस्थित सभी छात्राओं को कन्या भ्रूण हत्या एक महापाप न करने की प्रतिज्ञा करवाई गई। इस मौके पर महाविद्यालय के स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

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