• कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा – ऐसे मंचों से उभरते हैं भविष्य के कलाकार
  • “अभिव्यंजना” राज्य स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव में विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा की चमक

(Bhiwani News) भिवानी। वैश्य महाविद्यालय भिवानी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ “रंगवीथिका”, इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल तथा इंडियन ओवरसीज बैंक भिवानी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव “अभिव्यंजना” का भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के माननीय राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्य अतिथि समारोह की शोभा बढ़ाई और विद्यार्थियों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि “संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है।

हमारी भारतीय संस्कृति विविधता में एकता का प्रतीक है, जहाँ विभिन्न भाषाएँ, वेशभूषाएँ, परंपराएँ होते हुए भी हम सब एक सूत्र में बंधे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “आज के युवा ही देश का भविष्य हैं। उनकी रचनात्मकता, ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना यह दर्शाती है कि भारत एक सशक्त, सुसंस्कृत और संवेदनशील दिशा में अग्रसर है।”

उन्होंने विद्यार्थियों को केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित न रहने की सलाह देते हुए कहा कि “आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीन तकनीकों में दक्षता प्राप्त कर युवाओं को रोजगार खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार सृजन करने वाला बनना चाहिए। सांस्कृतिक गतिविधियाँ हमें आत्मविश्वास, नेतृत्व और सहयोग की भावना सिखाती हैं। यही गुण एक सफल और सजग नागरिक बनाते हैं।”

इन्हीं मंचों से आगे चलकर बड़े कलाकार और रचनात्मक नेतृत्वकर्ता उभरते हैं

राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास गुप्त को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को स्मरण किया और उनके नाम पर एक डाक टिकट भी जारी किया।समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि “इस तरह के सांस्कृतिक मंच विद्यार्थियों को न केवल अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर देते हैं, बल्कि वे उन्हें आत्म-विश्वास, अभिव्यक्ति और नेतृत्व का अभ्यास भी कराते हैं। इन्हीं मंचों से आगे चलकर बड़े कलाकार और रचनात्मक नेतृत्वकर्ता उभरते हैं।”

विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास केवल किताबी ज्ञान से नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव और सांस्कृतिक सहभागिता से होता है

पूर्व मंत्री एवं भिवानी के विधायक धनश्याम सर्राफ ने भी विद्यार्थियों से सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढक़र भाग लेने का आह्वान किया और कहा कि यह गतिविधियाँ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में अत्यंत सहायक हैं।भिवानी के उपायुक्त महावीर कौशिक ने उद्घाटन अवसर पर गीता के श्लोकों की पंक्तियों को गाकर विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि “विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास केवल किताबी ज्ञान से नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव और सांस्कृतिक सहभागिता से होता है।”

इस अवसर पर मंच का संचालन डॉ. हरिकेश पंघाल एवं डॉ. प्रोमिला सुहाग ने किया। महाविद्यालय के प्रबंधक समिति अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि संस्थान विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मंच भी प्रदान करता है जिससे उनका सम्पूर्ण व्यक्तित्व निखर सके।

राज्य स्तरीय उत्सव में 9 विधाओं में 200 विद्यार्थियों ने प्रतिभा का प्रदर्शन किया। रंगमंच, नृत्य, संगीत, भाषण, हिंदी कविता, हरियाणवी कविता, पोस्टर मेकिंग, रंगोली और कोलॉज प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।पुरस्कार विजेताओं में ओवरऑल ट्रॉफी -आदर्श महिला महाविद्यालय, साहित्यिक वर्ग (माँ शारदे ट्रॉफी) – आदर्श महिला महाविद्यालय, ललित कला (राधा किशन सर्राफ मेमोरियल ट्रॉफी)– राजकीय शिक्षण महाविद्यालय भिवानी, रंगमंच, नृत्य, संगीत (श्रीमती मनोहरी देवी मेमोरियल ट्रॉफी)– एम एम कॉलेज, फतेहाबाद को मिली।

समारोह में वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट शिवरतन गुप्ता, महासचिव डॉ. पवन बुवानीवाला, उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता, कोषाध्यक्ष बृजलाल सर्राफ, ट्रस्टी विजयकिशन अग्रवाल, लिटिल हार्ट ग्रुप के अध्यक्ष टी.सी. गोयल, समाजसेवी प्रवीन गर्ग एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। समारोह के समापन पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गोयल ने सभी अतिथियों, प्रतिभागी विद्यार्थियों, निर्णायकों और आयोजन टीम का आभार प्रकट किया।

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