• नकल के चलते टूटेंगे वाले सैंटरों पर फिर नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र : होगी कार्रवाई : बोर्ड चेयरमैन
  • बोर्ड ने अब तक नकल के 381 मामले किए दर्ज, 12 प्रतिरूपण के मामलों में हुई प्राथमिकी दर्ज, 39 परीक्षकों को किया गया रिलीव : बोर्ड चेयरमैन

(Bhiwani News) भिवानी। हरियाणा प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा देने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कार्य कर रहा है। वर्तमान में चल रही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं में पारदर्शिता बनी रहे व नकल रहित परीक्षाओं का संचालन हो, इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शिक्षा बोर्ड अधिकारियों से विशेष बैठक कर गुणवत्तापरक शिक्षा देने को लेकर निर्देश दिए है तथा नकल जैसी बुराई को परीक्षाओं से दूर रखने की बात कही है।

अब तक परीक्षाओं में नकल के अब तक 381 मामले दर्ज किए गए

यह बात हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. डा. पवन कुमार व बोर्ड सचिव डॉ. मुनीश नागपाल ने बोर्ड परिसर में पत्रकार वार्ता के दौरान बताई। इस मौके पर बोर्ड चेयरमैन व सचिव ने बताया कि अब तक परीक्षाओं में नकल के अब तक 381 मामले दर्ज किए गए है तथा 12 प्रतिरूपण के मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही नकल के मामलों में संलिप्त परीक्षकों को ना केवल रिलीव किया गया है, बल्कि उन पर विभागीय कार्रवाई के लिए भी बोर्ड द्वारा लिखा गया है।

226 फलाईंग स्कवायड भी नकल रोकने के लिए लगाई गई

उन्होंने बताया कि 226 फलाईंग स्कवायड भी नकल रोकने के लिए लगाई गई है। उन्होंने साफ किया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड नकल को लेकर पूर्णतया सख्त है तथा नकल के मामलों में संलिप्त लोगों से सख्ताई से निपटा जा रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य की परीक्षाओं में जहां भी नकल के मामले पाए गए तथा परीक्षा केंद्रों को रद्द करना पड़ा, उनमें दोबारा परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे तथा नकल में संलिप्त संबंधित स्कूल प्राचार्य या प्रबंधन पर भी कार्रवाई होगी।

पत्रकारों द्वारा 10वीं बोर्ड के गणित के प्रश्रपत्र में बाहर से प्रश्र आने के मुदद्े पर ग्रेस माक्र्स दिए जाने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इसको लेकर गणित विशेषज्ञों की टीम को यह मामला सौंपा गया है, जो प्रश्रों की कठिनता, प्रश्रों का स्तर व अन्य बिंदुओं पर ध्यान देकर ग्रेस माक्र्स दिए जाने का निर्णय लिया जा सकता है।

वही उन्होंने कहा कि हरियाणा के बच्चों का आईक्यू राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल आदि राज्यों से किन्ही भी मामलों में कम नहीं है, क्योंकि उत्तर भारत के विभिन्न प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में हरियाणा के छात्रों का एडमिशन अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा पाया जाता है। हालांकि उन्होंने कहा कि हरियाणा के विद्यार्थियों की कम्यूनिकेशन स्किल को सुधारने की दिशा में भविष्य में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा कार्य किया जाएगा।

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