- पैरा ओलंपिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश सांगवान ने मुस्कान को घर पहुंचकर किया सम्मानित
- मुस्कान ने किया साबित : दिव्यांगता सफलता में कही नहीं बनती बाधक : उपायुक्त महाबीर कौशिक
(Bhiwani News) भिवानी। कहते हैं की हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती। इसका उदाहरण खेल नगरी भिवानी की बेटी मुस्कान श्योराण में पेश किया है। भिवानी की बेटी मुस्कान श्योराण दिव्यांगता को मात देकर गोल्डन गर्ल बनी है। दिल्ली में हुई पैरा खेलो इंडिया में मुस्कान ने 4.92 मीटर शॉटपुट फेंक कर गोल्ड मेडल जीता है। पैरा खेलो इंडिया की गोल्डन गर्ल मुस्कान की उपलब्धि पर स्थानीय विद्या नगर में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि भिवानी के उपायुक्त महाबीर कौशिक तथा विशिष्ट अतिथि पैरा ओलंपिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश सांगवान व द्रोणाचार्य व अर्जुन अवॉर्डी आशन कुमार सांगवान ने शिरकत की। कार्यक्रम में मंच का संचालन बलवान डीपीई ने किया। कार्यक्रम में मुस्कान के साथ-साथ उसके कोच मदन को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर कामरेड ओमप्रकाश ने मुख्यअतिथि को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और मुस्कान को विद्यानगर वासियों की तरफ से सम्मानित करने पर उनका आभार जताया।
दिव्यांग सफलता में कही बाधक नहीं होती
इस मौके पर उपायुक्त महाबीर कौशिक ने कहा कि मुस्कान ने यह साबित कर दिया है कि दिव्यांग सफलता में कही बाधक नहीं होती, अगर किसी कार्य के प्रति जुनून धारण कर लिया जाए। उन्होंने भरोसा दिलासा किया इस प्रकार के प्रतिभावान खिलाडिय़ों को आगे लाने वे के लिए भीम स्टेडियम में विशेष प्रबंध करवाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि उन्हे पूरा विश्वास है कि मुस्कान एक दिन पैरा ओलंपिक में देश का नाम रोशन करेंगी।
पैरा ओलंपिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश सांगवान ने मुस्कान को घर जाकर 11 हजार रूपये की नगद राशि देकर सम्मानित किया तथा कहा कि जब मुस्कान पैरा ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीतकर आएगी तो वे स्वयं हवाई अड्डे पर उनका सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि मुस्कान भिवानी ही नहीं, हरियाणा के लिए एक सितारे के रूप में उभरी है।
इस मौके पर द्रोणाचार्य व अर्जुन अवॉर्डी आशन कुमार सांगवान व मुस्कान के कोच मदन सिंह ने कहा कि मुस्कान को अभी अभ्यास करते केवल दो साल हुए हैं।
मुस्कान की जीत के पीछे उससे भी ज्यादा उसके परिवार की मेहनत
उन्होंने कहा कि मुस्कान की जीत के पीछे उससे भी ज्यादा उसके परिवार की मेहनत है जो रोज उसे खिलाने के लिए लाते और ले जाते हैं। कोच ने कहा कि मुकाम पैरा एशियाई व पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी कर रही है। वो ऐसे ही मेहनत करती रही तो जल्द आने वाले ओलंपिक में भी भाग लेगी और गोल्ड मेडल लाएगी।
मुस्कान के पिता रमेश श्योराण ने बताया कि मुस्कान ने अपने खेल की शुरुआत करीब 2 वर्ष पूर्व की थी। इतने कम समय में उसने तीसरी नेशनल पैरा एथलेटिक्स राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, 23वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप चेन्नई में गोल्ड मेडल, दूसरी खेलो इंडिया पैरा चैंपियनशिप दिल्ली में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी है। उन्होंने बताया कि मुस्कान का चयन अब 2026 में जापान के टोक्यो में होने वाले एशियन गेम में हुआ है।
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