(Bhiwani News) भिवानी। समय के साथ जैसे-जैसे पशुपालन को महत्व दिया जाने लगा है। ऐसे में पशुधन की भी कीमतें बढ़ी है। वही आम जरूरतमंद लोग गांव में पशुपालन का व्यवसाय कर अपना गुजर-बसर करते है। ऐसे में अपने पशुओं को खुले बाड़े में ही पालकर उन्हे बांधते है। बढ़ती हुई पशु कीमतों को देखकर पशु चोर गिरोह भी सक्रिय होकर इन जरूरतमंद लोगों की रोजी-रोटी पर हाथ साफ करने का काम करते है। ऐसे ही एक पशु चोर गिरोह के चार सदस्यों को भिवानी सीआईए पुलिस ने पकडऩे में सफलता हासिल की है।
पुलिस ने इनसे पशु चोरी में शामिल गाड़ी भी बरामद की है। भिवानी सीआईए पुलिस के सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने बताया कि पकड़े गए चारों आरोपियों को सूचना के आधार पर गांव तालु से पकड़ा है। ये स्कारपियो गाड़ी में सवार थे। पकड़े गए चारों पशु चोर जिला के गांव चांग के ही निवासी है। इनमें विजेंद्र सरगना है। जिस पर पहले से चोरी, छीना-झपटी के 10 मामले दर्ज है। उसी के साथ कप्तान सुमेश व अजय का भी पुराना अपराधिक रिकॉर्ड है। इन्होंने भिवानी व रोहतक जिलों के विभिन्न गांवों में चोरियां की। जिनमें नंदगांव, तालु, नौरंगाबाद, पूर्णपुरा, बवानीखेड़ा, कलानौर, बास, बिठन, चैहडक़लां आदि गांवों से चोरी की बात कबूली है। इन्होंने अब तक 100 के लगभग भेड़ व बकरियों की चोरी की है। सामान्य तौर पर भेड़ की कीमत 20 से 25 हजार तथा बकरी कीमत 10 से 15 हजार रूपये है। ऐसे में लाखों रूपयों की पशु चोरी में इनका हाथ रहा है। उन्होंने बताया कि ये चोरी को अंजाम देने के लिए चोरी वाले स्थान पर कुछ दूरी पर खड़ा कर देते थे। एक साथी वाहन में बैठा रहता था, दूसरा साथ लोगों पर निगरानी रखता था। तीसरी व चौथा साथी भेड़ व बकरियों को चोरी कर गाडिय़ों में भर लेते थे तथा इन्हे रोहतक व भिवानी के गांवों में बेचते थे। उन्होंने बताया कि पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि इन्होंने पशुओं को कहां बेचा, इसकी बरामदगी की जांच की जा रही है।
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