- कड़ाके की ठंड व कोहरे के बीच हादसो का सबब बन सकते है सडक़ों पर घूम रहे छुट्टा पशु
(Bhiwani News) लोहारू। नगर के बीचोंबीच स्थित भगवान परशुराम चौक छुट्टा पशुओं का गढ़ बना हुआ है तथा यहां पर हर समय छुट्टा पशुओं के जमावड़े के कारण वाहन तो निकलना दूर की बात बल्कि पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में छुट्टा पशु कोहरे व धुंध के मौसम में वाहनचालकों के लिए हादसे का सबब बन सकते है। ध्यान रहे कि नगर व आसपास क्षेत्र में कड़ाके की ठंड व कोहरे के बीच सडक़ों पर छुट्टा पशु काल बनकर घूम रहे है। हालांकि नगरपालिका द्वारा नगर में छुट्टा पशुओं को पकडऩे के लिए टैंडर भी जारी किया गया था।
लोग इन पशुओं के कारण हुए हादसो में अपनी जान तक गवां चुके
परंतु इसके बावजूद भी नगर में असंख्य छुट्टा पशु सडक़ मार्गो पर यमदूत बनकर घूम रहे है। ऐसा भी नहीं है कि नगर में इन छुट्टा पशुओं के कारण हादसा घटित नहीं हुआ हो, नगर सहित क्षेत्र में गत चार वर्ष के दौरान करीब आधा दर्जन से अधिक लोग इन पशुओं के कारण हुए हादसो में अपनी जान तक गवां चुके है लेकिन प्रशासन है कि चैन की नींद सो रहा है। नगरवासियों प्रदीप सैनी, रिंकू जांगिड़, गौरव सैनी, सुरेश कुमार, अशोक आदि ने बताया कि लोहारू नगर में छुट्टा पशु दिन-रात सडक़ों व रिहाशी इलाकों में घूमते रहते हैं जिससे हर वक्त बड़े हादसे का खतरा बना रहता है।
प्रशासन छुट्टा पशुओं की स्थिति से वाकिफ होने के बावजूद भी छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने में असहाय साबित हो रहा है तथा पूरी तरह बेबस नजर आ रहा है। नगर में देवीलाल चौक, फरटिया रोड़, परशुराम चौक, माता मंदिर चौक, मुख्य बाजार, भगत सिंह चौक, अस्पताल रोड़, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित सभी मुख्य स्थानों पर हर समय छुट्टा पशुओं का जमावड़ा रहता है जिस कारण मुख्य बाजार में आवागमन के समय वाहन चालकों सहित राहगीरों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ रही है वहीं ये गंदगी भी फैला रहे है।
गांवों में भी छुट्टा पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही
कोहरे व धुंध के कारण इन छुट्टा पशुओं से किसी भी समय हादसा हो सकता है क्योंकि कोहरे व धुंध के समय ये पशु वाहनचालक को दिखाई नहीं देते। वहीं दूसरी ओर गांवों में भी छुट्टा पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है जिस कारण छुट्टा पशुओं से ग्रामीण भी परेशान है तथा उन्होंने प्रशासन से छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
ग्रामीणों जितेंद्र श्योराण, महेश कुमार, रामपाल नकीपुर, रवि पाजू आदि ने बताया कि आवारा पशु खेतों में घुस कर भी नुकसान करते है, जिससे किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में किसान रात-रात भर जागकर व कभी खेत की रक्षा के लिए कांटेदार तार लगाने के लिए मजबूर है।
यह भी काबिले गौर है कि क्षेत्र में अनेक गौशालाएं संचालित की जा रही है लेकिन उनमें केवल दुधारू गाय ही रखी जाती है तथा अन्य गायों को आश्रय नहीं दिया जाता। हालांकि गांवों की पंचायतों द्वारा इस बारे में अनेक बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी आवारा पशुओं के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्र के लोगों ने आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपाय करने की गुहार लगाई है।
यह भी पढ़ें : Bhiwani News : आज से लौटेगी स्कूलों में रौनक, मौज मस्ती के बाद स्कूल की तैयारियों में जुटे विद्यार्थी