- एक दिवसीय शिल्पकारी प्रदर्शनी में छात्राओं ने निर्मित किए लगभग 3000 उत्पाद
- नवाचार आत्मनिर्भरता को बढावा देता हैं : ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवरतन गुप्ता
(Bhiwani News) भिवानी। भारतीय हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने के लिए शिल्पकारी छात्राओं का अपना एक अनूठा योगदान रहा है। इसी के तहत शुक्रवार को भिवानी के आदर्श महिला महाविद्यालय में एक दिवसीय शिल्पकारी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में छात्राओं ने पूर्ण रूप से प्राकृतिक व वेस्ट पदार्थो का प्रयोग करते हुए लगभग 3 हजार उत्पाद निर्मित किए। जिसमें मुख्यत: गृह साज-सज्जा सामग्री, प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन, टाई ऐंड डाई की साड़ियां व सूट चद्दरें, पेंटिंग व कढाई बुनाई के उत्पाद इत्यादि रहें।
इस मौके पर प्रदर्शनी का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवरतन गुप्ता ने करते हुए कहा कि नवाचार व कौशल निर्माण सुदढ़ उद्यमशीलता के महत्वपूर्ण घटक हैं, जो आज प्रदर्शनी के माध्यम से छात्राओं ने प्रदर्शित किए। महाविद्यालय में लगाई गई प्रदर्शनी के माध्यम से छात्राओं को आत्मनिर्भर व स्वाभलंम्बी बनाने का मंच प्रदान किया गया है।
इस मौके पर व आदर्श महिला महाविद्यालय प्रबंध समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत को शिल्पकारी छात्राओं के माध्यम से एक मंच पर साथ लाना वास्तव में सराहनीय पहल है। यहां प्रदर्शित आर्टवर्क की विविधता हमारे देश को परिभाषित करने वाली शिल्पकला का सच्चा उत्सव है। यह प्रदर्शनी सिर्फ प्रोडक्ट्स के शोकेस से कहीं अधिक है। यह उस कला और संस्कृति को भी ट्रिब्यूट है, जिससे भारत की विश्व में पहचान है।
इस मौके पर महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अलका मितल ने कहा कि आज के समय में छात्राओं को उद्यमशीलता की दिशा में बढ़ाने के लिए यह महाविद्यालय की अनूठी पहल हैं जिसमें महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं व छात्राओं की कड़ी मेहनत हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से छात्राएं उद्यमशीलता के गुर सीख अपने सपनों को पूरा कर सकेगीं और देश के विकास में योगदान कर सकेगी। इस मौके पर छात्रा प्रिया व हेमा ने बताया कि आज इस प्रदर्शनी में विभिन्न उत्पादों की स्टॉलें लगाई गई है। जिसके माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर जागरूक करने का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में प्रत्येक विद्यार्थी को दूसरी स्टाल से कुछ सीखने को मिलता है।
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