(Bhiwani News) लोहारू। विगत दो दिनों से लोहारू और आसपास के क्षेत्र में हो रही बरसात से एक ओर जहां खरीफ की फसलों को फायदा हुआ है वहीं खेतों में जाने वाले कच्चे रास्तों में जलभराव ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। रेलवे अंडरपास से भावधड़ी सीमा तक खेतों में जाने वाले वाले रास्ते बरसात के पानी से लबालब हो गए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए किसानों व ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर रास्तों पर मिट्टी के भराव करने की मांग की है। ताकी खेतों में आने जाने वाले राहगीरों व किसानों और स्कूल जाने वाले बच्चों को किसी प्रकार की समस्या ना हो सके।
रेलवे अंडरपास से भावधड़ी सीमा तक जाने वाले कच्चे रास्ते बरसात के पानी से भर गए
एसडीएम अमित कुमार को सौंपे गए ज्ञापन में शहीद भगत सिंह कल्याण समिति के प्रधान जगदीश जायलवाल सैन, किसान खेत कमेटी के उप प्रधान सुनील नेहरा, महासचिव राजेश सिंह शेखावत, दायाराम नायक, भाजपा के वरिष्ठ नेता कमलेश भोडूका, भाजपा के युवा नेता सुभाष चंद्र सैनी जी, बलवान सिंह पुनिया पूर्व बीडीसी मेंबर,जोनी शेखावत,ओमप्रकाश सिंह शेखावत उर्फ खाजल सिंह ठेकेदार, अनूप शर्मा, बाबुलाल सैन उर्फ जोनी, सुनिल कुमार, सुन्दर नायक, गोपी राम सैन, शायर सिंह शेखावत आदि ने मांग की है कि रेलवे अंडरपास से भावधड़ी सीमा तक जाने वाले कच्चे रास्ते बरसात के पानी से भर गए हैं। उन्होंने कहा कि बरसात का पानी खेतों में भी घुस गया है जिसके कारण उनकी कपास की फसल भी खराब होने का भय है। उन्होंने मांग की है कि जब उनके खेतों का रास्ता पक्का नहीं हो जाता तब तक रास्ते में जमा पानी को निकालने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बरसात के पानी से रास्तों में गड्ढे बन गए हैं जिसके कारण भी लोगों को समस्या हो रही है। किसानों व आमजन की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने नगरपालिका को तुरंत आदेश दिया कि पहले रास्ते पर जमा बरसात के पानी को निकालने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए वहीं रास्ते को नगरपालिका के बजट से पक्का किया जाए।
बॉक्स: कृषि अधिकारी डॉ. विनोद सांगवान ने बताया कि लोहारू क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में बरसात हुई है। विगत दो दिनों में क्षेत्र में करीब 50 एमएम बरसात दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने कपास, बाजरे की बुआई के समय यूरिया, डीएपी डाली थी बरसात के कारण वह फसल के पौधों की जड़ से नीचे चला गया जिसके कारण कपास, बाजरे के पौधों को पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसके लिए किसानों को मौसम साफ होने पर 21 प्रतिशत जिंक आधा केजी व ढाई केजी यूरिया 150 लीटर पानी में डालकर घोल तैयार कर इसका छिडक़ाव कर सकते हैं ताकी कपास, बाजरे के पौधों को पोषक तत्व मिल सकें जिससे इनमें बढ़वार होगी। उन्होंने बताया कि आगामी 11 अगस्त तक मौसम इसी प्रकार का बना रहेगा और इस दौरान हल्की व मध्यम स्तर की बरसात होने का अनुमान है।