Bhiwani News :  लोहारू क्षेत्र में 40 एमएम बरसात, लोहारू में बरसात के बाद लबालब हुए सभी मुख्य मार्ग

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40 mm rain in Loharu area, all main roads flooded after rain
बरसात के बाद कपास की फसल का दृश्य।

(Bhiwani News) लोहारू। बीती रात्रि को इन्द्र देव लोहारू क्षेत्र पर मेहरबान हुए लोहारू व आसपास क्षेत्र में बरसात से जहां क्षेत्र के लोगों को गर्मी से राहत मिली वहीं बरसात से जगह-जगह हुए जलभराव के कारण नगर पालिका के जल निकासी प्रबंधों की पोल खुल गई है। परंतु किसानों की खरीफ की फसल के लिए यह बरसात वरदान साबित होने वाली है। बरसात नहीं होने के कारण किसानों की खरीफ की फसल झुलस रही थी इस बरसात ने किसानों की फसल को संजीवनी देने का काम किया है। बीती रात्रि को लोहारू और आसपास के क्षेत्र में 40 एमएम बरसात दर्ज की गई है।

जलभराव न केवल पैदल यात्रियों बल्कि दोपहिया वाहन चालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा

लोहारू शहर की बात की जाए तो बीती रात्रि की बरसात ने लोहारू की सभी गलियों, मुख्य रास्तों व बाजारों को लबालब कर दिया तथा अनेक जगहों पर जलभराव हो गया। नगर में बरसात के बाद हुए जलभराव न केवल पैदल यात्रियों बल्कि दोपहिया वाहन चालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नगर के देवीलाल चौक, बस स्टैंड, पुराना शहर, सब्जी मंडी, रेलवे रोड, मुख्य बाजार, आर्य समाज मंदिर गली, एसबीआई गली, चुंगी नंबर 7 व फरटिया रोड सहित अनेक क्षेत्रों में जमा हुए बरसाती पानी से नगर की नगर पालिका द्वारा जल निकासी व्यवस्था की पोल खुल गई। वहीं नगर के देवीलाल चौक ने झील का रूप ले लिया तथा अनाज मंडी व मुख्य बाजार भी पानी से लबालब हो गए। सीवरेज की समय पर सफाई न होने के कारण हालात और विकट हो गए। नगर की अनेक गलियों में तो आलम यह है कि जलभराव से यहां से निकलने के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं रही। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि वे जलभराव की स्थिति से कई बार वार्ड पार्षदों से लेकर नपा अध्यक्ष व प्रशासन के समक्ष गुहार लगा चुके थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसका खामियाजा आज लोहारू के लोगों को बरसाती मौसम में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से जल निकासी के उचित प्रबंध करवाने की मांग की है ताकि कोई परेशानी न हो।

बॉक्स: गत वर्ष लोहारू क्षेत्र में 40 हजार एकड़ में कपास की बुआई हुई थी परंतु इस बार केवल 30 हजार एकड़ में ही कपास की बुआई हुई है। तेज अंधड़ व भयंकर गर्मी के कारण करीब 10 से 12 हजार एकड़ में बोई गई खेती तो पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है तथा अधिकतर किसानों ने खेत खाली होने के कारण उनकी जुताई भी कर दी थी। जिन किसानों ने अपनी कपास की फसल को बचाकर रखा था तेज गर्मी के कारण कपास, बाजरे की फसल झुलस रही थी। परंतु इस बरसात ने किसानों की फसल को संजीवनी देने का काम किया है।

बीती रात्रि को क्षेत्र में 40 एमएम बरसात दर्ज की गई

बॉक्स: कृषि अधिकारी डॉ. विनोद सांगवान ने बताया कि लोहारू क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में बरसात हुई है। बीती रात्रि को क्षेत्र में 40 एमएम बरसात दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने कपास, बाजरे की बुआई के समय यूरिया, डीएपी डाली थी बरसात के कारण वह फसल के पौधों की जड़ से नीचे चला गया जिसके कारण कपास, बाजरे के पौधों को पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसके लिए किसानों को मौसम साफ होने पर 21 प्रतिशत जिंक आधा केजी व ढाई केजी यूरिया 150 लीटर पानी में डालकर घोल तैयार कर इसका छिडक़ाव कर सकते हैं ताकी कपास, बाजरे के पौधों को पोषक तत्व मिल सकें जिससे इनमें बढ़वार होगीद्ध उन्होंने बताया कि आगामी 11 अगस्त तक मौसम इसी प्रकार का बना रहेगा और इस दौरान हल्की व मध्यम स्तर की बरसात होने का अनुमान है।

 

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