पंकज सोनी, भिवानी:
स्थानीय हालुवास गेट स्थित सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम में शिवरात्रि पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर सुख, शांति एवं समृद्धि की अरदास लगाई। बता दे कि जहरगिरी आश्रम में प्रदेश का एकमात्र पारद शिवलिंग स्थापित है। वही आश्रम में श्रद्धालुओं के लिए पांच हजार लीटर गंगाजल हरिद्वार से मंगवाया गया था। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत (जूना अखाड़ा) डॉ. अशोक गिरी महाराज ने कहा कि श्रावन मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव को भांग धतूर, बेलपत्र और गंगा जल अर्पित करें। इसीलिए जो इस माह में शिव पर गंगाजल चढाते हैं, वे देव तुल्य होकर जीवन मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। मानशिक परेशानी, कुंडली में अशुभ चंद्र का दोष, मकान-वाहन का सुख और संतान से संबधित चिंता शिव आराधना से दूर हो जाती है। इस माह में सर्पों को दूध पिलाने कालसर्प-दोष से मुक्ति मिलती है और उसके वंश का विस्तार होता है। ओउम नम: शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ओउम नम: शिवायका जप करते हुए शिव आराधना करें। इस मौके पर श्रीमहंत ने गंगा जल,दुध, दही, घी,मधु, शर्करा, पंचामृत, चंदन,भस्म अभ्रक, केसर,फल, फुल, भांग, धतूरा, मंदार, तथा बिल्वपत्र चढ़ाएं। श्रीमहंत ने बताया कि श्रावण माह की शिवरात्रि में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से पांच हजार लीटर गंगाजल मंगवाया है। हरिद्वार से लाए गए गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया है। उन्होंने बताया कि गंगा को नदियों में सबसे पवित्र माना गया है, यह कारण है कि गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करने से हर कष्ट दूर होते हैं।
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