पंकज सोनी, भिवानी :
एक तरफ तो सरकार किसानों की भलाई व उनके उत्थान के लिए करोड़ों रुपए की विकास परियोजनाएं लागू करती है, वही दूसरी तरफ आज अन्नदाता अपने हकों के लिए देश भर में सडकों पर बैठने को मजबूर है, लेकिन सरकार उनसे बात करने तक को तैयार नहीं हैं। गांव निमड़ीवाली में भी हरियाणा बिजली वितरण निगम के पावर ग्रिड के टावरों को लेकर कंपनी व किसानों में बीच मामला दिन-प्रतिदिन गमार्ता जा रहा है, लेकिन कंपनी व प्रशासन किसानों की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। टावरों के विरोध में गांव निमड़ीवाली में पिछले 27 दिनों से धरने पर बैठे है तथा किसान प्रति टावर 30 लाख रुपए तथा जिसके खेत से बिजली की लाईन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रुपए मुआवजा या प्रति माह का किराया दिए जाने की मांग कर रहे है। इस दौरान किसानों के धरने के किसानों लगातार भारी जनसमर्थन मिल रहा है। इसी कड़ी में भाकियु चढुनी की महिला सैल की प्रदेश अध्यक्ष सुमन हुड्डा 16 जुलाई को गांव निमड़ीवाली धरने पर किसानों को समर्थन देने पहुंचेंगी। गांव निमड़ीवाली में बुधवार को भी किसानों का धरना जारी रहा तथा धरने की अध्यक्षता राजबीर मलिक अजीतपुर, सुरेन्द्र यादव, कुलबीर शास्त्री, करतार गिल, प्रदीप सिंहमार ने संयुक्त रुप से की एवं खरकडी़ धरने से सदानंद महाराज, बहल से कविता आर्या ने अपनी टीम सहित पहुचकर धरने को समर्थन दिया।
धरने को संबोधित करते हुए भाकियु जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने बताया कि वर्ष 2011 में निमड़ीवाली गांव में हरियाणा बिजली वितरण निगम का पावर ग्रिड बना था। यहां से अब तीसरी बार अब बड़ी लाईन निकाली जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया एक टावर आधा एकड़ से ज्यादा जमीन में लगता है और उसके बाद पूरे खेत में खेती नहीं हो पाती, जिसके बावजूद भी किसानों को इन टावरों का एक पैसा मुआवजा नहीं दिया जा गया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती थी, लेकिन आज देश भर में अन्नदाता अपने हकों के लिए सडकों पर है तथा सरकार अब भी अपनी झूठ की राजनीति से बाज नहीं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानो को मांग नही मानी तो शीघ्र ही संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत निमडी वाली मे बुलाई जाएगी तथा सरकार के खिलाफ कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। इस अवसर पर चन्द्र दहिया, ओम प्रकाश सिंहमार, सतबीर प्रजापत, राजकुमार सिंहमार, रामनिवास सिंहमार, सोमबीर स्टार, मामन श्योराण, राजेश मन्देरणा, रघबीर खरबास, जागेराम सरपंच, विष्णु शर्मा, नरेश शर्मा, जोरा प्रजापत, नरेश दहिया, दक्ष सिंह आदि उपस्थित रहे।