पंकज सोनी, भिवानी:
विद्यांतरिक्ष सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भिवानी में आज अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया। विद्यांतरिक्ष की संस्थापक डॉ आरती ने बच्चों को बताया कि बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्वभर में प्रतिवर्ष 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस आयोजित किया जाता है। 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर शिखर सम्मेलन में बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देने और बाघ संरक्षण के मुद्दों के लिए जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया था। बाघ संरक्षण का सन्देश देने के लिए स्कूल के विद्यार्थियों ने बाघ के पेपर फेस मास्क और ड्राइंग बनाई। साथ ही, उन्होंने बाघ की शक्ल में अपने चेहरे पेंट किये। डॉ आरती ने बच्चों के इन रचनात्मक प्रयासों को सराहा और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि बाघ संरक्षण का सन्देश देने के लिए यह एक बहुत ही बढ़िया और रचनात्मक माध्यम है। स्कूल डायरेक्टर अमित डागर, प्रधान अरुण मेहता, उप प्रधान देवेंदर दहिया, और महासचिव अशोक शर्मा ने सभी बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की बधाई दी और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि युवा पीढ़ी बाघ संरक्षण कि दिशा में अपने प्रयास जारी रखेगी। डॉ आरती ने बताया कि दुनिया में करीब 4000 बाघ बचे हैं। विश्व में कुल बाघों में से लगभग 70% (3000 बाघ) भारत में पाए जाते हैं। भारत में 51 टाइगर रिजर्व हैं। 1983 में स्थापित नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व (आंध्र प्रदेश) भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है, जो 3,728 वर्ग किलोमीटर में फैला है। डॉ आरती ने बच्चों को बताया कि मध्य प्रदेश भारत का ‘टाइगर स्टेट’ कहलाता है क्योंकि वहां 526 बाघ हैं।