भिवानी : खतरे की घंटी, डार्क जोन में 10 दिन में ही 1280 किसानों ने ट्यूबवैल कनेशन के लिए किया आवेदन

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आज समाज डिजिटल, भिवानी :
दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 15 जुलाई को दस वर्ष से बंद पड़े ट्यूबवैल कनेक्शन को दोबारा शुरू करने के आदेश जारी होते ही किसानों में पहले कनेक्शन लेने की होड़ सी मच गई है और बड़े रकबेधारक तो लाईन में लग ही गए तथा साथ में मात्र एक से दो एकड़ वाले भी आवेदन करने में जुटे हैं जिससे मात्र आठ दिन के कार्यदिवसों में लगभग 1280 किसानों के आवेदन बाढड़ा, झोझू कलां उपमंडल कार्यालय में पहुंचे हैं जिससे सपष्ट है पहले से ही डार्क में में तबदील हुए बाढड़ा क्षेत्र के लिए इतनी बड़ी संख्या में ट्यूबवैल कनेक्षनों का आवेदन भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। प्रदेश के दक्षिणी रेतीले क्षेत्र में भूमिगत जल का अत्याधिक दोहन सरकार व आमजन के गले की फांस बनता जा रहा है वहीं यहां पर वाटर रिचार्ज योजना के लिए सब्जबाग तो दिखाए जाते हैं लेकिन धरातल पर इसमें सुधार करने की बजाए पानी की समस्या विकराल रुप लेती जा रही है। नहरी पानी की कमी व बरसात की कम आवक से भूमिगत जलस्तर में लगातार गिरवाट आ गई है। राजस्थान की तरह भूमिगत जल की सतह में कमी आने के बाद केन्द्रिय भूजल बोर्ड ने वर्ष 2011 में इस हिस्से समेत प्रदेश के लगभग 90 खंडों को डार्कजोन एरिया घोषित कर वहां पर नए बोर बनाकर भूमिगत पानी के सिंचाई के लिए प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाते हुए बिजली विभाग से उस तिथि तक आवेदन करने वाले किसानों को ही कनेक्षन देने व नए कनैक्षन जारी करने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद से क्षेत्र में नए कनैक्शनों के लिए मारामारी मची हुई है। नहरी पानी की कमी से जूझ रहे बाढड़ा, अटेला, झोझू, बेरला कादमा इत्यादि क्षेत्रों में लगभग बीस हजार से अधिक ट्यूबवैलों के संचालन से ही कृषि सिंचाई निर्भर है लेकिन अब हजारों नए कनैक्शन भी शुरू हो गए हैं।

विभाग ने उस समय डार्कजोन क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र घोषित कर उस समय के मौजूदा कनैक्शनों के लोड में वृद्धि न करने, बोर की खराबी होने पर नलकूप कनैक्शन को दूसरी जगह स्थानांतरित न करने जैसे नियम लागू कर दिया था। प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र को डार्कजोन तो घोषित कर दिया लेकिन बाद में भूमिगत जलस्तर को बढाने व रिचार्ज योजना के सपने तो दिखाए लेकिन आज तक कोई योजना धरातल पर लागू नहीं हो पाई है। पिछले दो चुनावों का डार्कजोन हटाने व नए कनैक्शन जारी करने का मुख्य मुद्दा रहा लेकिन सरकार ने सारे प्रकरण पर चुप्पी साधे रखी और पिछले दिनों किसानों के रोष प्रदर्शन के बाद सरकार ने इस क्षेत्र में अपने पुराने फैसलें को रद्दी करते हुए आनन फानन में अब सौ फिट से गहराई वाले क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई योजना अपनाने व अधिकतम पैंतीस हार्सपावर वाली मशीनों के प्रयोग करने जैसी दो नई शर्तो के साथ नए बोर को संचालन करने के लिए कनैक्शन जारी करने की अनुमति पत्र जारी कर दिया है जिसके बाद मात्र 10 दिनों में ही बिजली विभाग के बाढड़ा एसडीओ कार्यालय के चालीस गांवों से 603, झोझूकलां क्षेत्र से 502 व अटेला क्षेत्र के बीस गांवों से 160 किसानों ने आवेदन किया है तथा किसानों की तहसील व पटवार घरों में बनी भीड़ से आगामी समय में और भी बहुत ज्यादा संख्या में आवेदन आने की उम्मीद है। कड़े नियमों की मांग: प्रदेश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में नए कनैक्शन जारी करने के आदेश पर खुशी तो जताई लेकिन भूमिगत जलस्तर की समस्या को देखते हुए कड़े नियमों को लागू करने की मांग उठने लगी। उन्होंने कहा कि पहले ही भूमिगत जलस्तर की गिरावट एक भारी समस्या बन चुकी है वहीं अब मात्र एक या दो एकड़ वाले भूमालिक भी नए कनैक्शन लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं। सरकार को कम से कम ढाई एकड़ से अधिक भूमि धारक को ही नया कनैक्शन देना चाहिए।