इशिका ठाकुर, Karnal News : करनाल के चौगामा गांव के किसान भाकियू नेताओं के साथ जिला सचिवालय में पहुंचे। इनका नेतृत्व किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किया। उन्होंने पटवारी, तहसीलदार समेत प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। डीसी अनीश यादव से मिलकर सरपंच पर गलत तरीके से किसान की जमीन अपने नाम कराने का आरोप लगाया।
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सभी संगठनों से इकट्ठा होने का आह्वान
किसान नेता गुरनाम सिह चढूनी ने कहा कि आने वाले दिनों में देशभर के संगठन, चाहे वे कच्चे कर्मचारी हों, आंगनबाड़ी हो, बेरोजगार हों, मंडी-बाजार वाले हों। सभी को इकट्ठा करके बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश बिक रहा है। उसको बचाना है। भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि मनजीत लालर चौगामा गांव से रहने वाले है। गांव में मुरब्बाबंदी चली हुई है। गांव के भाजपा समर्थित सरपंच ने इसके प्लाट में अपने आधे किले का डेढ किला करवा लिया। सरपंच की जमीन ए क्लास में है। जबकि इसकी बी क्लास की जमीन है। कानून ये कहता है जहां उसकी दूसरी जमीन है उसके साथ आधा किला लगाओ। उसके 3 टुकड़े हैं तो उसे एक जगह कर दिया जाए। इसका प्लाट तोड़ दिया। फ्रंट वाली जमीन को नाम करवा लिया।
लोग उठा रहे राजनीतिक पहुंच का फायदा
राजनीति का फायदा उठा रहा है। ऐसे हम नहीं होने देंगे। प्रशासन व सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। इससे सरकार की बदनामी होती है। न्याय को बात करनी चाहिए। डीसी के संज्ञान में इस मामले को लाएंगे। मनजीत ने बताया कि हमारे गांव सन 1998-99 से चकबंदी चले हुए है। सरकार और डीसी साहब ने आदेश दिए कि पंचायत की जमीन और गउचरान की जमीन का छुड़वाया जाए। उसके हम हक में है। पंचायत की भी छुटनी चाहिए और गऊचरान की भी छोड़ी जाए। पर गांव के कुछ लोगों ने किसी ना किसी दवाब को चलाकर मोटी हेरा-फेरी की है। ए ब्लॉक का 4 कनाल उठाकर बी ब्लॉक में ले जाया गया। जो मेरी जमीन है। उसकी पुरानी जकबंदी, रजिस्ट्री, जमाबंदी समेत सभी मेरी है। उसके 4 कनाल का सीधे 12 कनाल बना दिया गया।
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