Kurukshetra News कुरुक्षेत्र के इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा का अहम योगदान : राज्यमंत्री सुभाष सुधा

0
138
bharat-ratna-gulzari-lal-nanda

कुरुक्षेत्र: शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के पौराणिक इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकेगा। इस महान व्यक्तित्व ने कुरुक्षेत्र का विकास करना ही अपना लक्ष्य बनाया। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही कुरुक्षेत्र और 48 कोस के तीर्थों का विकास करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना की थी।

अब इस बोर्ड के माध्यम से प्रदेश सरकार 48 कोस के 164 तीर्थों का जीर्णोद्धार कर रही है और इन तीर्थों के लिए कई करोड़ रुपए का बजट भी खर्च किया गया है। शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री सुभाष सुधा वीरवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इससे पहले राज्य मंत्री सुभाष सुधा, महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद जी महाराज, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडीसी डा. वैशाली शर्मा, केयूके के कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ विकास समिति के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, समाज सेवी विजय सभ्रवाल, समाज सेवी कृष्ण धमीजा, विनोद शर्मा, नंदा स्मारक की निदेशक प्रोफेसर शुचि स्मिता ने नंदा जी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और हवन यज्ञ में मंत्रौच्चारण के बीच आहुती डाली। इस दौरान भाषण, चित्रकला आदि प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रशंसा पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर गुलजारी लाल नंदा जी से जुड़ी हुई यादों की ओर उनके द्वारा करवाए गए विकास कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस मौके पर राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने पौधारोपण भी किया। समाज सेवी विजय सभ्रवाल ने भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा जी के साथ बिताए दिनों के अनुभवों को सांझा किया। नंदा स्मारक स्थल की निदेशक शुचि स्मिता ने मेहमानों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस मौके पर केडीबी सदस्य डा. ऋषिपाल मथाना, डा. एमके मोदगिल, कैप्टन परमजीत, अशोक रोशा, सौरभ चौधरी, विजय नरुला, चिंरजीपूरी महराज, गौडिया मठ के गिरी महाराज, प्रेम नारायण शुक्ल, सहित अन्य अधिकारी गण, कार्यकर्ता और गणमान्य लोग मौजूद थे।