हाल ही के शीर्ष कोर्ट के फैसले के खिलाफ है संगठन
एनएसीडीएओआर का सरकार से अनुरोध है कि इस फैसले को खारिज किया जाए, क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नए कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए। साथ ही इनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट कोटा वाले फैसले को वापस ले या फिर पुनर्विचार करे।
बंद को इन दलों का समर्थन
भारत बंद को कम से कम तीन राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है। मायावती की बसपा और हेमंत सोरेन की जेएमएम और लालू प्रसाद याद की पार्टी राजद ने बंद को समर्थन दिया है।साथ ही भीम आर्मी ने भी इसका समर्थन किया है।
इन जगहों पर हो सकता है ज्यादा असर
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर केरल, बिहार, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में हो सकता है। इन राज्यों में विपक्षी पार्टियों का बंद को पूरा समर्थन मिलेगा। बंद के मद्देनजर राजस्थान की राजधानी जयपुर के अलावा, दौसा, भरतपुर, डीग और गंगापुर आदि जिलों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है।