Bhai Dooj: भैया दूज कल, जानें तिलक करने का शुभ मुहूर्त

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भैया दूज कल, जानें तिलक करने का शुभ मुहूर्त
Bhai Dooj: भैया दूज कल, जानें तिलक करने का शुभ मुहूर्त

बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर करती हैं उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना
Bhai Dooj (आज समाज) अंबाला: भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक भैया दूज का त्योंहार इस बार कल यानि की 3 नवंबर को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाई दूज यानी द्वितीय तिथि का आरंभ 2 नवंबर रात 8 बजकर 22 मिनट द्वितीया तिथि समाप्त 3 नवंबर रात 11 बजकर 6 मिनट है। ऐसे में भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाई दूज यानी द्वितीय तिथि का आरंभ 2 नवंबर रात 8 बजकर 22 मिनट द्वितीया तिथि समाप्त 3 नवंबर रात 11 बजकर 6 मिनट है। ऐसे में भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त में करना चाहिए तिलक

जबकि भाई दूज पूजन का समय दिन में 11 45 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक उत्तम रहेगा। पौराणिक मान्यता है कि अगर बहनें शुभ मुहूर्त में भाइयों को तिलक करती हैं, तो भाइयों की उम्र लंबी होती है और भाई-बहन दोनों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

पूजन तिलक विधि

पौराणिक मान्यता के अनुसार भाई दूज पर बहनों को अपने भाई को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके तिलक करना चाहिए। तिलक के बाद, बहनें अपने भाई का मुंह मीठा कराना चाहिए और फिर इसके बाद भाई को नारियल और चावल दें। इसके बाद भाई की आरती उतारें और उनके भाग्योदय और लंबी उम्र की कामना करें। भाइयों को भी अपनी बहनों को उपहार देना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि इससे भाई-बहन का स्नेह हमेशा बना रहता है।

भाई दूज का महत्व

मान्यता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को आदर सत्कार के साथ भोजन कराया था। यमराज के वरदान अनुसार जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके, यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। यमुना को सूर्य की पुत्री माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि वे सभी तरह के कष्टों को दूर करती हैं। इसलिए यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करना और यमुना और यमराज की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।

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