Beti Bachao-Beti Padhao : “बेटी बचाओ-बेटी पढाओ” योजना को सार्थक बनाने के लिए लगातार हो रहे प्रयास

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मीटिंग लेते सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य।
मीटिंग लेते सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य।
  • भ्रूण लिंग जांच करने जैसी गतिविधियों की जानकारी देने पर सरकार दे रही एक लाख रुपए का ईनाम
  • भ्रूण लिंग जांच जैसी गतिविधियों में संलिप्त होने पर पिछले दो साल में 28 लोगों को दर्ज हुए मामले
  • सीएमओ कार्यालय में जिला स्तरीय पीसी एंड पीएनडीटी पर वर्कशाप आयोजित

Aaj Samaj (आज समाज), Beti Bachao-Beti Padhao, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
लिगांनुपात को सुधारने के लिए लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच रखना बहुत जरूरी है। आज लड़कियां शिक्षा से लेकर खेल तक हर क्षेत्र में समाज व राष्ट्र का नाम रोशन कर रही हैं। समाज में बेटियों की भागीदारी को बढ़ाना जरूरी है। हरियाणा सरकार बेटियों को शिक्षा से लेकर आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक मदद करने के लिए बहुत सी योजनाओं का संचालन कर रही है। इनसे धीरे-धीरे लोगों का नजरिया बदल रहा है।

यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र आर्य ने गतदिवस प्रदेश संयोजक डॉ. जी एल सिंघल हरियाणा सरकार एवं अध्यक्ष जिला समुचित प्राधिकारी की अध्यक्षता में सीएमओ कार्यालय के मीटिंग हाल में आयोजित जिला स्तरीय पीसी एंड पीएनडीटी वर्कशाप को संबोधित करते हुए कही।

इस जिला स्तरीय वर्कशाप में सरकार की “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना को सार्थक बनाने बारे गहन विचार विमर्श किया गया। इसमें जिले के ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र की सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रदर चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी व ब्लाक आशा कार्डिनेटर ने भाग लिया। प्रदेश संयोजक डॉ. जी एल सिंघल ने बताया की बेटियों के प्रति लोगों को अपनी मानसिकता सकारात्मक रखनी चाहिए।

सिविल सर्जन ने जिले के ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र की सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रवर चिकित्सा अधिकारी चिकित्सा अधिकारी व आशा कार्डिनेटर को निर्देश दिए कि भविष्य में इस क्षेत्र में ज्यादा मेहनत करना सुनिश्चत करें। एक भी बेटी को गर्भ में नहीं मरने देंगे। अगर कहीं ऐसी सूचना मिलती है तो तुरंत सूचित किया जाए। सिविल सर्जन ने बताया कि बिना चिकित्सा कारणों के गर्भपात करवाने वालों को पकड़े जाने पर एफआईआर दर्ज करवाकर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

इस दौरान सिविल सर्जन ने बताया कि गांव या शहर में कोई भी व्यक्ति भ्रूण लिंग जांच करने जैसी गतिविधियों में लिप्त रहता है तो उसकी सूचना नजदीकी सरकारी अस्पताल या कार्यालय सिविल सर्जन नारनौल में दें। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम व पता गुप्त रखा जाता है और सरकार की तरफ से प्रोत्साहन के रूप मे एक लाख रूपये की राशि भी दी जाती है।

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों मे स्वास्थ्य विभाग नारनौल की पीसी एंड पीएनडीटी रैडिंग टीम ने 28 लोगों को भ्रूण लिंग जांच करने जैसी गतिविधियों में संलिप्त होने पर पकड़कर विभिन्न धाराओं के तहत जिला पुलिस के हवाले किया है। जिले के अन्य सहयोगी विभाग भी स्कीम “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” को सार्थक बनाने व जिले के गिरते लिंगानुपात को सुधारने बारे लोगों के साथ गोष्ठी करके जागरूक कर रहे हैं।

इस मीटिंग के महिला एवं बाल विकास अधिकारी संगीता यादव, जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रवर चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थें।

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