सतीश बंसल, सिरसा :

सिरसा के नि:संताना दंपत्तियों को आधुनिक सुविधाओं के लिए अब बाहर जाने की बजाए सिरसा में ही आईवीएफ सेंटर की बेहतरीन सुविधा मिलने जा रही है। आधुनिक मशीनों से सुसज्जित नन्हे कदम आईवीएफ सेंटर का 2 अक्टूबर को सिरसा के सांगवान चौक के नजदीक मुहूर्त होने जा रहा है। यह जानकारी देते हुए डॉ. प्रभाष कुलहरि व डॉ. सुमन भाकर ने बताया कि सिरसा में खुलने वाला यह आईवीएफ सेंटर इकलौता ऐसा सेंटर होगा, जहां केवल आईवीएफ की ही बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ साथ आईवीएफ से जुड़ी जांच एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी।

जरूरत है आईवीएफ केंद्रों की

डॉ. प्रभाष कुलहरि व डॉ. सुमन भाकर ने निजी रेस्तरां में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश के साथ-साथ अब सिरसा जिला में पुरुषों में नि:संताना के मामले सामने आ रहे है। ऐसे में जरूरत है आईवीएफ केंद्रों की। आमतौर पर नि:संताना के रोगी अपनी पीड़ा छुपाते है, जिस कारण उन्हें समाज में अलग ही दृष्टि से देखा जाता है। लेकिन विज्ञान ने तरक्की की है, अब नि:संताना का इलाज संभव है और इस दिशा में जागरूकता आनी भी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले ये इलाज बड़े शहरों में होता था, जहां काफी महंगा था लेकिन हमने प्रयास किए है कि हर व्यक्ति की पहुंच में ये इलाज हो। उन्होंने कहा कि नि:संताना के केस 40 प्रतिशत महिलाओं, 40 प्रतिशत पुरुषों में, जबकि 20 प्रतिशत दोनो में होती है। अगर किसी की शादी को एक वर्ष हो जाए और गर्भ निरोध जैसी कोई स्थिति दोनो में न हुई हो, तो आईवीएफ की तरफ जाना चाहिए।

50 वर्ष से अधिक उम्र की दपंत्ति का इलाज नहीं

डॉ. सुमन ने कहा कि हाल ही में एआरटी बिल पास हुआ है, जिसके चलते कुछ नियम आईवीएफ सेंटरों के लिए बनाए गए है जिसकी पालना हर हाल में करनी होगी। इसके तहत 50 वर्ष से अधिक उम्र की दपंत्ति का इलाज यहां नहीं होगा। उन्होंने बताया कि नशा भी हार्मोन को असंतुलित करता है। डॉ. सुमन भाकर ने कहा कि अगर आईवीएफ का इलाज बेहतर सिरसा में ही होगा, तो यकीनन बाहर के आने-जाने, रहने व खाने-पीने का खर्च बचेगा और इलाज पर खर्च कम आएगा। उन्होंने बताता कि हम यह भी कोशिश करेंगे, कि अगर कोई दंपत्ति आर्थिक तौर पर कमजोर है, तो उसका इलाज बिना लाभ लिए केवल लागत खर्च लेकर उसका इलाज किया जाएगा ताकि उनका इलाज कम से कम खर्च पर हो सके।

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