Aaj Samaj (आज समाज), Bengal Panchayat Election, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में सेंट्रल फोर्स की तैनाती के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में कोई दिक्कत नहीं है। जजों ने कहा, हो सकता है कि हाईकोर्ट ने अन्य पड़ोसी राज्यों से बलों की आवश्यकता के बजाय केंद्रीय बलों को तैनात करना बेहतर समझा हो। उन्होंने कहा कि सेंट्रल फोर्स की तैनाती में चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता।
जानिए कोर्ट में क्या बोला बंगाल चुनाव आयोग
पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि राज्य चुनाव आयोग ने कुछ भी नहीं किया है, यह कहना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग किसी भी बल की मांग नहीं कर सकता है लेकिन, राज्य से अनुरोध कर सकता है। मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश इसके विपरीत है।
केंद्रीय बलों को न बुलाना ही मुख्य एजेंडा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। जजों ने पूछा कि जहां से बल आते हैं वह राज्य चुनाव आयोग की चिंता नहीं है फिर याचिका कैसे विचारणीय है? मामले में एक प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि बंगाल में समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि एजेंडा तैनाती की वास्तविक चिंता नहीं है, लेकिन एजेंडा यह है कि केंद्रीय बलों को मत बुलाओ।
यह था हाईकोर्ट का आदेश
गौरतलब है कि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर राज्य सरकार को आदेश दिया था कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती पूरे प्रदेश में करें। इसके लिए हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को केंद्र के पास आवेदन देने को कहा था। इसी पर राज्य चुनाव आयोग व ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। दोनों याचिकाओं पर कोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है।
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