Benefits of dark chocolate : अगर खरीदने जा रही है चॉकलेट तो रखिए इन बातों का ध्यान

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Benefits of dark chocolate

Benefits of dark chocolate: मीठे की क्रिविंग्स को पूरा करने से लेकर शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता को बढ़ाने तक डार्क चॉकलेट इन सभी को पूरा करने का एक स्वस्थ तरीका है। पर बाजार में अलग अलग फ्लेवर, एडेड शुगर सहित कई अन्य तरह के चॉकलेट उपलब्ध हैं, जिनमें से हेल्दी ऑप्शन का चयन करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। ऐसे में कई बार हम डार्क चॉकलेट की गुणवत्ता प्राप्त करने के चक्कर में एडेड शुगर, आर्टिफिशियल फ्लेवर और प्रिजर्वेटिव्स लेना शुरू कर देते हैं। इसलिए चॉकलेट खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि आप हेल्दी विकल्प चुन सकें।

क्यों आपके लिए हेल्दी है चॉकलेट

जर्नल ऑफ़ फार्माग्नोसिस एंड फाइटोकेमिस्ट्री के अनुसार, कोको फ्लेवेनॉल्स का समृद्ध स्रोत है। यह फ्लेवोनोइड्स का एक प्रकार है, जिसमें पॉलीफेनोल के रूप में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। फ्लेवनॉल्स विशेष रूप से पौधों में पाया जाने वाला एक नेचुरल कंपाउंड है, जो ब्लड फ्लो में सुधार कर ब्लड प्रेशर को कम करता है।

कोको और चॉकलेट में फ्लेवनॉल्स और मिथाइलक्सैन्थिन की गुणवत्ता पाई जाती है। ये मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। चॉकलेट खाने वाले व्यक्तियों में उन लोगों की तुलना में डिप्रेशन के लक्षणो का जोखिम 57% कम पाया था, जो इससे पूरी तरह से परहेज करते हैं।

डार्क चॉकलेट खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

1.एडेड शुगर का ध्यान रखें

कुछ चॉकलेट ब्रांड अपने उत्पाद को ज़्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें बहुत ज़्यादा चीनी मिलाते हैं। हालांकि, अगर आप मीठी डार्क चॉकलेट खाना चाहती हैं, तो शायद आपको मिल्क चॉकलेट पर वापस जाना होगा, और ये आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। सामग्री की सूची देखें और ऐसे उत्पाद चुनें जिनमें चीनी की मात्रा न हो, या बिल्कुल सीमित मात्रा में उपलब्ध हो।

2.छोटा पैकेज चुने

बहुत से लोग पैकेजिंग देख कर चॉकलेट की ओर आकर्षित होते हैं। हालांकि, हम वास्तव में चाहते हैं कि आप सामग्री और स्वाद पर ध्यान दें। सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुनी गई डार्क चॉकलेट में बहुत कम या कोई एडिटिव्स न हो। सामग्री की सूची जितनी छोटी होगी, आपकी डार्क चॉकलेट की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होगी। साथ ही छोटा पैकेज मात्रा पर नियंत्रण पाने में आपकी मदद करेगा।

3.लेबल में सही शब्द देखें

अगर किसी डार्क चॉकलेट के लेबल पर “ऑर्गेनिक”, “फेयर ट्रेड” और “सिंगल-ओरिजिन” जैसे शब्द हैं, तो इसके अच्छी गुणवत्ता वाली चॉकलेट होने की संभावना है। ऑर्गेनिक डार्क चॉकलेट कोको बीन्स से बनाई जाती हैं, जिन्हें सिंथेटिक कीटनाशकों या उर्वरकों के उपयोग के बिना उगाया जाता है।

सिंगल-ओरिजिन का अर्थ है कि इस डार्क चॉकलेट को बनाने के लिए उपयोग किए गए कोको बीन्स को एक विशिष्ट क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक अद्वितीय स्वाद वाली चॉकलेट बनती है।

4.सुनिश्चित करें कि आपकी चॉकलेट इमल्सीफायर्स से मुक्त हो

बाजार में चॉकलेट को बनाने में कई प्रकार की सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो संभवतः आपके लिए कोई काम नहीं आते और हानिकारक भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए वाणिज्यिक इमल्सीफायर्स, इन्हें अक्सर खाद्य पदार्थों में मिलाया जाता है ताकि एक चिकना और मलाईदार टेक्सचर आ सके। ये सबसे अधिक आइसक्रीम, सलाद ड्रेसिंग, कॉफी क्रीमर और चॉकलेट बार में पाए जाते हैं। लेबल पर इनकी जांच जरूर करें, क्युकी ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।

5. ऑर्गेनिक चॉकलेट को दें प्राथमिकता

ऑर्गेनिक फूड्स में पेस्टिसाइड और हर्बिसाइड्स का एक्सपोजर कम हो जाता है। चॉकलेट में मौजूद पॉलीफेनोल्स विशेष रूप से आपकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। प्रोसेसिंग के दौरान चॉकलेट की ये गुणवत्ता बहुत हद तक कम हो जाती है। ऐसे में चॉकलेट की असल गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए ऑर्गेनिक विकल्प तलाशें। इससे आप उच्च पॉलीफेनॉल सामग्री सुनिश्चित कर सकती हैं।