Bed rest during pregnancy : आजकल कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी में फुल बेड रेस्ट करना चाहती हैं, लेकिन यह बिल्कुल भी सही नहीं है। प्रेग्नेंसी में सिर्फ उन्हीं महिलाओं को फुल बेड रेस्ट के लिए कहा जाता है, जो बहुत ज्यादा परेशानी महसूस कर रही होती हैं। प्रेग्नेंसी में आखिर किन हालातों में डॉक्टर बेड रेस्ट की सलाह देते हैं।
प्रेग्नेंसी में कब मिलती है बेड रेस्ट की सलाह
जिन महिलाओं में प्रीटर्म लेबर के संकेत दिखाई देते हैं, उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है। 37 हफ्तों से पहले कॉन्ट्रेक्शन के शुरू होने पर डॉक्टर्स आराम करने के लिए कहते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, बेड रेस्ट की मदद से सर्विक्स पर दबाव कम हो सकता है, जिससे प्री-मैच्योर बर्थ का चांस भी कम हो सकता है।
प्लेसेंटा प्रिविया
प्लेसेंटा प्रीविया एक तरह की कंडिशन है जिसमें प्लेसेंटा आधा या पूरी तरह से सर्विक्स को ढक देता है। इससे प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के दौरान गंभीर ब्लीडिंग हो सकती है। इससे बचने के लिए दूसरे या तीसरे ट्राईमेस्टर में बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है।
प्री एक्लेम्पसिया
यह एक ऐसा प्रेग्नेंसी कॉम्पलिकेशन है, जिसमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। साथ ही यह शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। माइल्ड प्री एक्लेम्पसिया में ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और प्लेसेंटा तक सही ब्लड फ्लो के लिए बेड रेस्ट की सलाह दी जा सकती है।
सर्वाइकल वीकनेस
कुछ महिलाओं का सर्विक्स समय से पहले ही बढ़ने लगता है, जिससे मिसकैरिज और प्रीटर्म का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है, जिससे प्रेशर को कम किया जा सके और सर्विक्स के बढ़ने के प्रोसेस को धीमा किया जा सके।
मल्टीपल प्रेग्नेंसी
जुड़वा बच्चे कैरी कर रही महिलाओं को बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है। क्योंकि इन महिलाओं को प्री-टर्म लेबर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बेड रेस्ट से यूट्रेस के दबाव को कम और प्री-मैच्योर लेबर के चांस को कम किया जा सकता है।
बच्चे की ग्रोथ
अगर बेबी की ग्रोथ नेचुरल तरह से नहीं हो रही होती, तब भी डॉक्टर बेड रेस्ट की सलाह देते हैं। जिससे प्लेसेंटा तक ब्लड फ्लो ठीक से हो पाए और बच्चे को न्यूट्रिएंट्स और ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में मिल सके।
कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग की समस्या भी हो जाती है, इस परेशानी को कम करने के लिए भी बेड रेस्ट करने की सलाह दी जाती है। बेड रेस्ट के दौरान महिलाओं को भारी वजन नहीं उठाने और आराम करने के लिए कहा जाता है। प्रेग्नेंसी में हेल्दी डाइट लेने की सलाह भी दी जाती है।
बेड रेस्ट के नुकसान
एक्सपर्ट के मुताबिक, बहुत से फायदों के बावजूद लंबे समय तक बेड रेस्ट करने के कई नुकसान भी हैं। लंबे समय तक बेड रेस्ट करने से नसों में कमजोरी, ब्लड क्लोट्स, साइकलोजिकल परेशानी जैसी एंग्जायटी और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।