शहनाज हुसैन
अगर आप अपने सौन्दर्य बिशेष्ज्ञ को त्वचा के लिए बेहतरीन प्रकृतिक खाद्य पदार्थों के बारे में पूछेंगी तो विटामिन सी की खुराक शायद सबसे टॉप पर होगी। विटामिन सी को शरीर में सप्लीमेंट या डाइट द्वारा ही लिया जा सकता है तथा इसकी शरीर में प्रकृतिक रूप में उत्पति नहीं होती। विटामिन सी की गणना सबसे प्रभाबी और सुरक्षित पौषक तत्वों में की जाती है जोकि आंबला और अमरुद जैसे शाकाहारी भोज्य पदार्थों में सर्बाधिक पाया जाता है। यह पालक ,मूली , अंकुरित अनाज ,संतरे , हरी और लाल मिर्च , ब्रॉक्ली ,पपीते , स्ट्रॉबेरी , अनानास , कीवी और आम जैसे फलों , सब्ज़ियों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। डॉक्टरों की माने तो ब्यस्क पुरष को रोजाना 90 मिली ग्राम और महिला को रोजाना 75 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए। गर्भबती महिलाओं को लगभग 85 मिलीग्राम तथा स्तनपान करबाने बाली महिलाओं को रोजाना 120 मिलीग्राम विटामिन सी की जरूरत होती है और इससे ज्यादा विटामिन सी का सेवन करने से दस्त , उल्टी ,पेट दर्द ,सिर दर्द ,पथरी आदि कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टरों के अनुसार विटामिन सी की शरीर में अधिकता से कोई बिषाक्त और हानिकारक प्रभाब नहीं पड़ता क्योंकि जल में घुलनशील होने की बजह से इसका उतसर्जन शरीर में मूत्र के द्वारा हो जाती है।
अगर आप रोजना सुबह विटामिन ह्यसीह्ण का उपयोग करती है तो आपको स्वास्थ्य तथा सौन्दय्र दोनों एक साथ मिल सकते है। विटामिन ह्यसीह्ण के प्रतिदिन सेवन से आप प्राकृतिक तौर पर आकर्षक तथा चुस्त दिखेगी। प्रतिदिन सुबह अपने नाश्ते में नीबूं, संतरा, आमला, अंकुरित अनाज, टमाटर तथा अंगूर आदि शामिल करने से आप बढ़ती उम्र की समस्या का सामना कर सकती है। विटामिन ह्यसीह्ण के सेवन से शरीर में ह्यकोलेजनह्ण का निर्माण होता है जिससे त्वचा में कसाहट तथा कोमलता पैदा होती है जिससे चेहरें पर पड़ने वाली झुर्रियों को रोका जा सकता है तथा सूरज की किरणों तथा वातावरण में विद्यमान प्रदूषण से त्वचा को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है। विटामिन ह्यसीह्ण का सेवन यकृत अमाशय, सर्दी, जुकाम, न्यूमोनिया में असरकारक साबित होता है। विटामिन ह्यसीह्ण का उपयोग शरीर और सौन्दर्य दोनों के लिए लाभकारी है। अनेक वैज्ञानिक शोधों में यह पाया गया है कि विटामिन ह्यसीह्ण के नियमित सेवन से आप मुलायम त्वचा, चमकीले बाल, आकर्षक आंखें तथा छरहरा बदन पाने के साथ ही अनेक रोगों से मुक्ति भी पा सकती है। बालों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन सी अत्यन्त प्रभाबी बिकल्प माना जाता है / शरीर में विटामिन सी की कमी से डैंड्रफ, दो मुहें बाल, रूखेपन जैसी बालों की समस्याएं सामने आती हैं। विटामिन सी के नियमित सेवन से सिर में रक्त संचार बढ़ता है और आप के बाल लम्बे ,मुलायम और खूबसूरत दिखने लगते हैं।
विटामिम-ह्यसीह्ण की कमी जवान उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियाँ पड़नी शुरू हो जाती है तथा त्वचा में रूखापन आना शुरू हो जाता है जिससे त्वचा बेजान हो जाती है। आमला में सर्वाधिक मात्रा में विटामिन-ह्यसीह्ण पाया जाता है। आयुर्वेदिक में आमला को अनेक रोगों के उपचार में रामबाण बताया गया है। आमला में विद्यमान प्रचुर मात्रा में विटामिन ह्यसीह्ण गर्मियों में लू आदि से बचाने में अत्यन्त सहायक होता है। प्रत्येक सुबह आमला जूस को पानी में मिलाकर पीने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा सूर्य की गर्मी से झूलसी त्वचा तथा अन्य त्वचा रोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अपने सौन्दर्य को निखारने के लिए फलों को अपने आहार विशेषकर ब्रेकफास्ट का अभिन्न अंग बनाईए। प्रत्येक सुबह गर्म पानी में नीबूं रस मिलाकर पीने से शरीर में विषैले प्रदार्थ बाहर निकलते है तथा पाचन तंत्र को सुदृढ़ होता है। जिससे चेहरे की आभा में निखारे आता है तथा चेहरे की रंगत साफ होती है।
नीबूं को अनेक सौन्दर्य समस्याओं के निदान में उपयोग में लाया जा सकता है लेकिन नीबूं रस को हमेशा पानी में मिलाकर ही प्रयोग में लाए क्योंकि गाढ़ा नीबूं का रस त्वचा में रूखापन ला सकता है। नीबूं के रस से धूप की तपस/जलन से त्वचा पर पडे़़ काले धब्बों को मिटाने में मदद मिलती है तथा इसे हैंड लोशन की तरह भी प्रयोग किया जा सकता है। नीबूं के रस को गुलाब जल में मिलाकर हाथ में रगड़ने से हाथों की रंगत में निखार आता है तथा त्वचा मुलायम हो जाती है। अगर आपके हाथों की त्वचा सख्त या खुरदरी है तो नीबूं रस को दानेदार चीनी में मिलाकर इस मिश्रण को हाथों पर रगडे़ तथा इससे आपके हाथ मुलायम, चमकदार, आकर्षक हो जाऐगे। अन्य खट्टे फलों की तरह अंगूर स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ सौन्दर्य निखारने में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। अंगूर त्वचा की रंगत को निखारते है तथा प्रभावी क्लीजिंग के रू प में असरकारक साबित होते है। अंगूरों के रस को त्वचा पर लगाने के 20 मिनट बाद साफ ताजे पानी से धो डालिए। यह तैलीय तथा कील मुंहासे से प्रभावित त्वचा के लिए अत्यन्त लाभदायक साबित होगा तथा त्वचा के छिद्रों को कसने में मददगार होते है।
संतरे में विटामिन-सी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। संतरे को अपने आहार में शामिल करने के साथ ही बाहरी त्वचा के निखार में भी उपयोग में लाया जा सकता है। संतरे के जूस को फेस पैक में मिलाने या उसे सीधे अपने चेहरे पर लगाने से त्वचा के एसिड-एलकलाईन संतुलन को बनाने में मदद मिलती है। जिससे चेहरे पर काले धब्बे मिटते है तथा चेहरे की रंगत साफ होती ह। संतरे के छीलके में फल की अपेक्षा विटामिन-सी की प्रचुरता कही ज्यादा होती है। त्वचा के छिद्रों को कसने तथा तेल को सोखने के लिए सूखे तथा संतरे के छिलको के पाऊडर को स्क्रब तथा मास्क की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। संतरे के छिलक के पाऊडर को मिल्क क्रीम या दही मिलाने से श्रेणी की स्क्रब बनाया जा सकता है। संतरे के छिलको के पाऊडर में मुलतानी मिट्टी तथा गुलाब जल मिलाकर बने पेस्ट को त्वचा पर लगाने से कील मुंहासों, फोडे़, फुन्सी तथा अन्य त्वचा सम्बन्धी विकार को दूर करने में मिलती है। विश्व के सौन्दर्य विशेषज्ञ विटामिन-सी को सौन्दर्य निखारने में चमत्कारी मानते है।
विटामिन सी को विटामिन ई या फेरुलिक एसिड जैसे दूसरे एन्टी ऑक्सीडेंट से मिलाकर लेने से चेहरे की झुर्रियों ,त्वचा की रंगत निखारने , फ्री रैडिकल्स से बचाब के लिए ज्यादा प्रभाबी बनाया जा सकता है / इसे विटामिन बी या ह्यलुरॉनिक एसिड से मिलाकर भी लिया जा सकता है लेकिन विटामिन सी को रेटिनॉल से मिलाकर लेने से परहेज करें और अगर आप दोनों को लेना चाहती हैं तो दोनों के उपयोग में न्यूनतम आधे घण्टे का अन्तर जरूर रखे /
लेखिका सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय है।