सावधानी नहीं बरतने पर हो सकता है हादसा
Diwali Special: (आज समाज) अंबाला: दीपावली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योंहार है। पूरे भारतवर्ष में दीपावली का त्योंहार मनाया जाता है। इस बार 31 अक्टूबर को दीपावली का त्योंहार मनाया जाएगा। दीपावली के आने से पहले की घरों में दीपों के इस पर्व की शुरुआत हो जाती है। लोग घरों की साफ-सफाई में जुट जाते है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस घर में साफ-सफाई होती है। मां लक्ष्मी उसी घर में निवास करती है। घरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। दीपावली वाली रात को सभी घरों पर मोमबत्ती व तेल के दिए जलाएं जाते है।
दीपों का यह पर्व एक चीज के लिए भी सबसे खास होता है। दीपावली के दिल जमकर पटाखे जलाए जाते है। बच्चे हो या फिर बड़े सभी लोग दीपावली पर आतिशबाजी करते है और बम फोड़ते है। लेकिन कई बार आतिशबाजी व पटाखे फोड़ने से बच्चे व बड़े हादसों का शिकार हो जाते है। इसलिए पटाखे बड़ी ही सावधानी से चलाने चाहिए। इस लेख के जरिए हम आपको पटाखे जलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे है।
यह सावधानी बरते
- बोतल/मटके में रखकर पटाखे/रॉकेट नहीं चलाएं। बोतल या मटका फूट जाने पर पटाखा व कांच दोनों ही नुकसान करते हैं व गहरी चोट लगाते हैं।
- पटाखा न चले तो उसे पास न जाकर छुएं और न हीं देखें। अचानक पटाखा के फट जाने से पास खड़े बच्चे को यकायक चोट लग जाती हैै।
- हाथ में पकड़कर पटाखा न चलाएं, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पटाखे न चलाएं।
- सड़क पर पटाखे, खासतौर से यातायात के बीच पटाखे न चलाए। इससे अनायास ही कोई राह चलता व्यक्ति पटाखे की चपेट में आ जाता है।
- पटाखे किसी सुरक्षित एवं खुले स्थान पर चलाएं।
- पटाखा एक बार में न चलें, तो दोबारा न जलाएं।
- पटाखे जलाते समय माता-पिता बच्चों पर विशेष निगरानी रखें। पटाखे जलाते समय आंखों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी ग्लास का उपयोग करें।
- सूती कपड़े पहनें, ढीले कपड़ों से बचें व लटकते हुए स्कार्फ, दुपट्टे आदि पहनकर पटाखे न चलाएं।
- पटाखे एक-एक कर चलाएं और जो न चलें उन्हें अंत में पानी की बाल्टी में डाल दें। एक-दो बाल्टी पानी हमेशा पास रखें।
- आंख में चोट लगने पर तुरन्त नेत्र चिकित्सक से सम्पर्क करें।
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