Bathinda Military Station Firing: पंजाब के बठिंडा स्थित सैन्य स्टेशन में पिछले कल यानी बुधवार तड़के हुई अंधाधुंध गोलीबारी के मामले में सामने आया है कि हमलावरों ने जवानों पर कुल्हाड़ी से भी वार किए हैं। पुलिस के बाद सेना ने भी आतंकी वारदात से इनकार किया है। सुबह करीब साढ़े चार बजे आफिसर मेस के पास 80 मीडियम रेजिमेंट की आर्टिलरी यूनिट की बैरक में उस समय जवानों पर हमला किया गया जब वे सो रहे थे। इसमें चार जवानों की मौत हो गई थी।
- सेना का भी आतंकी हमले से इनकार
इस बीच आज सुबह सैन्य स्टेशन में एक और सैनिक की गोली लगने से मौत हो गई। बुधवार रात को यूनिट के आफिस के नजदीक यह वाकया हुआ। जांच में पता चला कि संतरी की ड्यूटी पर तैनात गुर तेजस लहुराज के सिर में गोली लगी है। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। मिलिट्री पुलिस जांच कर रही है कि सैनिक ने खुदकुशी की है, किसी ने उसे गोली मारी या फिर यह हादसा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, इसका फायरिंग से कोई रिलेशन नहीं है।
सफेद कुर्ता-पायजामा पहने मुंह ढके आए थे दो हमलावर : सेना
80 मीडियम रेजिमेंट के मेजर आशुतोष शुक्ला ने बुधवार देर शाम मामले में बठिंडा पुलिस के समक्ष एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और मुंह ढके दो हमलावर आए थे। फायरिंग की आवाज सुनकर जब तक अधिकारी पहुंचे तो चारों जवान खून से लथपथ अपने कमरे में पड़े थे। पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपियों पर हत्या और आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया है।
बिना हथियार नाइट वॉचमैन की भी ड्यूटी भी करते थे जवान
मेजर आशुतोष ने पुलिस को बताया कि अधिकारी मैस के सामने जवानों के रहने के लिए बैरक बनी हुई है। उन्होंने बताया कि अधिकारी मैस में काम करने वाले जवान और गार्ड यहीं रहते हैं। निचले कमरे में गनर नागा सुरेश रहता है और ऊपर के 2 कमरों में से एक में गनर सागर बन्ने व गनर योगेश कुमार व दूसरे कमरे में गनर संतोष व गनर कमलेश रहता है। ये जवान आर्मी यूनिट के ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक 2-2 घंटे बिना हथियार के नाइट वॉचमैन की भी ड्यूटी करते हैं। बीती रात सभी जवान ड्यूटी से फारिग होकर अपने कमरे में चले गए।
फायरिंग के बाद अफसर मैस में गनर के सोने वाली जगह से बाहर आए हमलावर
पहली मंजिल पर एक कमरे में योगेश कुमार और सागर बन्ने था जबकि दूसरे कमरे में संतोष व कमलेश कुमार था। नीचे के कमरे में नागा सुरेश सो रहा था। सुबह 4.30 बजे गनर डिसाई मोहन ने आकर बताया कि यूनिट की मैस की बैरक में फायरिंग हुई है। वहां 2 अज्ञात व्यक्ति आए, जो सफेद रंग के कुर्ते-पायजामे पहने थे। उनके मुंह और सिर कपड़े से ढके थे और ये दोनों फायरिंग के बाद अफसर मैस में गनर के सोने वाली जगह से बाहर आ रहे थे।
इनमें से एक के हाथ में इंसास राइफल और दूसरे के हाथ में कुल्हाड़ी थी। वह गनर डिसाई मोहन को देख जंगल की तरफ भाग निकले। उन्होंने तुरंत कैप्टन शांतनु को वहां भेजा। इसके बाद वह मैस में बनी बैरक में गए तो पहले कमरे में गनर सागर बन्ने व योगेश कुमार और दूसरे कमरे में संतोष व कमलेश के शव पड़े थे और पास में भारी संख्या में इंसास रायफल के खोल बिखरे थे। मृतकों के शरीर पर गोलियों के निशान थे।
9 अप्रैल को गुम हो गई थी एक इंसास राइफल
मारे गए जवानों की यूनिट के लांसनायक हरीश के नाम पर अलॉट हुई एक इंसास राइफल 9 अप्रैल को गुम हो गई थी। इसकी पड़ताल भी उनकी यूनिट की तरफ से की जा रही है। मेजर ने कहा कि घटना वाली जगह देखने के बाद ऐसा लगता है कि उसी गायब इंसास राइफल से किसी अज्ञात व्यक्ति या व्यक्तियों ने उनकी यूनिट के 4 जवानों पर फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। कैंट थाना एसएचओ गुरदीप सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम को सेना की ओर से राइफल गुम होने की शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
Karnataka Assembly Polls 2023: बीजेपी ने जारी 23 और उम्मीदवारों की सूची