Bathinda Military Station Case: पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में पिछले सप्ताह बुधवार तड़के अचानक हुई गोलीबारी के मामले में प्रदेश पुलिस ने सेना के 10 जवानों को नोटिस भेजकर उन्हें बयान दर्ज करने के लिए पेश होने को कहा है। बठिंडा कैंट के एसएचओ गुरदीप सिंह ने जवानों को भेजे नोटिस की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि सेना के जवानों को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
- धारा 160 के तहत भेजा गया नोटिस
- हमलावरों का अब तक नहीं सुराग
फायरिंग में सेना के चार जवानों की मौत
फायरिंग में सेना के चार जवानों की मौत हो गई थी। उसके बाद एक और जवान की मौत हुई थी। पंजाब पुलिस ने धारा 160 के तहत नोटिस भेजा है। सेना खुद भी मामले की जांच में जुटी है। अभी तक हमलावरों को कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सेना के दो जवानों- गनर नागा सुरेश और गनर देसाई मोहन की भूमिका की पूरी तरह से जांच की आवश्यकता है। सेना और पुलिस ने 2 संदिग्ध हमलावर बताए थे, लेकिन अभी तक उन्हें गिरफ्तार करने की कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है
सेना की जांच से पुलिस संतुष्ट नहीं
फायरिंग केस की सेना अपने स्तर पर जांच कर रही है, लेकिन पुलिस इससे संतुष्ट नहीं है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेना अपने स्तर पर पूरी निष्ठा से जांच में जुटी हुई है, लेकिन हत्या जैसे मामलों में पुलिस की तरह सेना जांच नहीं कर सकती। पुलिस जांच करते समय कुछ मापदंडों का प्रयोग करती है, जो सेना की जांच में छूट सकते हैं और उससे परिणाम प्रभावित हो सकता है।
जवानों के बयानों पर जताया गया है संदेह
मामले की छानबीन कर रहे जांच अधिकारी विटनेस गनर देसाई मोहन और गनर नागा सुरेश के बयानों पर संदेह व्यक्त कर चुके हैं। हमलावरों की संख्या, उनका कुर्ता पयजामा पहन कर आना और एक हाथ में कुल्हाड़ी व दूसरे के हाथ में राइफल का होना खुद में ही संदेह पैदा करता है। क्योंकि सभी मारे गए जवानों पर गोलियों के निशान थे और किसी पर भी एक भी वार कुल्हाड़ी से नहीं किया गया।
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