अखिलेश बंसल, बरनाला:
- हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में बरनाला की दीपाली सिंगला ने चौथा और श्रेया बांसल ने 14वां स्थान किया हासिल
- जज बनीं दोनों बेटियों ने बरनाला के रायकोट रोड़ पर स्थित सेकेर्ड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की स्कूलिंग।
केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के चलते बरनाला की दो बेटियों ने हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। जिनमें दीपाली सिंगला ने चौथा और श्रेया बांसल ने 12वां स्थान हासिल किया है। जिससे पूरे जिले में दीपावली जैसा माहौल बन गया है। दोनों परिवारों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
जज्बा और जुनून से मिली सफलता
बरनाला के महेश नगर निवासी प्रदीप सिंगला की बेटी दीपाली सिंगला ने हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में चौथा स्थान हासिल कर बरनाला जिले और पंजाब का नाम रौशन किया है। दीपाली सिंगला के पिता प्रदीप सिंगला और माता श्रीमती रितु सिंगला का कहना है कि हमें बहुत गर्व है कि हमारी बेटी ने दिन रात एक कर हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। हमारी बेटी ने साबित कर दिया है कि भारत देश की बेटियां हर परीक्षा भी पास कर सकती हैं और हर उंचाई को छू भी सकती हैं। गौरतलब है कि दीपाली ने सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, रायकोट रोड, बरनाला से 10वीं और पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से एलएलबी किया है।
हर्ष बांसल के घर खुशी का आलम
बरनाला शहर के हंडिआया बाजार निवासी 26 वर्षीय श्रेया बांसल ने हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल कर 14वां स्थान हासिल किया है। श्रेया ने पहली बार के प्रयास में ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है। बेटी की इस प्राप्ति पर श्रेया के पिता हर्ष बांसल ने उन्हें बधाई दी है। वह एक बिजनेसमैन हैं व हंडिआया बाजार में कृष्णा इंटरप्राइजस के नाम से अपनी दुकान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बरनाला के रायकोट रोड़ पर स्थित सेकेर्ड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा एसडी स्कूल चंडीगढ़ से प्राप्त की। पंजाब विश्व विद्यालय से वर्ष 2019 में एलएलबी की परीक्षा पास की। इस उपरांत नयाय व्यवस्था की परीक्षा की तैयारी हेतु श्रेया ने चंडीगढ़ की कोचिंग संस्था में तैयारी की। श्रेया बांसल के दादा स्व. मदन लाल बांसल वकील थे।
श्रेया की माता नेहा बांसल ने बताया कि श्रेया पढ़ाई में शुरु से ही होशियार थी व उसने सभी कक्षाओं में बढ़िया अंक लेकर पुजीशनें हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर बेहद खुशी है। श्रेया ने बताया कि उनमें न्यायिक सेवा का जज्बा अपने दादा जी से मिला है। उनकी प्रेरणा से ही वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं। श्रेया ने कहा कि जज बनकर देश की सेवा करने का उनका सपना साकार हो गया है। जिसकी उन्हें बेहद खुशी है।
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