अखिलेश बंसल, बरनाला:
30 से ज्यादा संगठित किसान जत्थेबंदियों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से तीन खेती कानून रद्द करवाने और एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनवाने के लिए बरनाला रेलवे स्टेशन पर लगाए धरने को आज 283 वें दिन में दाखिल हुआ। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल को किसानों के खिलाफ भद्दी शब्दावली का इस्तेमाल करने का दोषी ठहराया है। उसे ‘बड़बोले नेता’ की संज्ञा दी है। इसके साथ ही ऐलान किया है कि संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा नेता के धनौला स्थित निवास के बाहर 12 जुलाई दिन सोमवार को धरना लगाया जाएगा। जिसमें नेता के राज भी खोले जाएंगे।
किसानों ने बताया कि भाजपा नेता हरजीत ग्रेवाल की ओर से गत कुछ दिन पहले किसानों को ‘कलंक, अराजकतावादी तत्व और नकसलवाड़ीए आदि जैसे नाम से अपमानित किया गया है। जो कि पूरी तरह से निंदनीय हैं। प्रवक्ता ने कहा कि किसान आंदोलन को कायम देखते हुए नैतिक पक्ष से हारी भाजपा लीडरशिप पूरी तरह बौखला गई है। जिसे किसानों को गालियां देने से सिवा कुछ नहीं सूझ रहा। शनिवार को आयोजित हुए धरने को संबोधित करते बलवंत सिंह उपली, करनैल सिंह गांधी, दर्शन सिंह उगोके, नारायण दत्त, हरजीत सिंह संघेड़ा, मनजीत राज, बाबू सिंह खड्डी कला, प्रेमपाल कौर, काका सिंह फरवाही ने कहा है कि केंद्रीय खेती मंत्री तोमर ने हवा में तीर छोड़ा है कि एपीएमसी मंडियों की ‘माली मदद’ के लिए एक लाख करोड़ का इंतजाम किया गया है। मंडियों के लिए कर्ज देने की प्रक्रिया ‘में से निर्गुणी तबदीली को ‘ माली मदद’ का जुमला बनाकर छोड़ दिया गया। महज कर्ज को ‘अनुदान’ की तरह पेश किया गया। उन्होंने कहा कि किसान कर्ज नहीं मांगते, कर्ज से मुक्ति मांगते हैं। किसान सरकार की वास्तविकता को बखूबी समझते हैं। सरकार जुमला नीति को छोड़ किसानों की मांगों पर गौर करे और पारित किए खेती कानून रद्द करे।