अखिलेश बंसल: शिक्षा जगत में सौ साल से निरंतर सेवाएं निभा रही अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने बरनाला के युवा प्रोफेसर डॉ. क्रांति पाल को अपनी कोर्ट का सदस्य नियुक्त किया है, जो अलीगढ़ विश्वविद्यालय में काफी वर्षों से पढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक भारतीय भाषाओं के चेयरमैन की सेवा भी निभा रहे हैं। प्रो. क्रांति पाल को मिली इस उपलब्धि को लेकर उनके पैतृक गांव धौला और मौजूदा निवास बरनाला में होने के चलते जिला वासी मान महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रो. क्रांति पाल के पिता स्वर्गीय श्री रामस्वरूप अणखी थे जो खुद विश्व प्रसिद्ध नावलकार थे और विश्व स्तर पर पहचान रखते थे।
काउंसिल ने लिया फैसला
उल्लेखनीय है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी काउंसिल द्वारा कुल चार प्रोफेसर्स को कोर्ट सदस्य बनाया गया है। जिनमें बरनाला के युवा प्रोफेसर डॉ. क्रांति पाल को भी चुना गया हैं। जिन अन्य तीन को इस कोर्ट का मेंबर चुना गया है उनमें प्रोफेसर अनीस अहमद, प्रोफेसर जमीरउल्लाह खान और प्रोफेसर फैजान अहमद शामिल है। काउंसिल ने इन नियुक्तियों की प्रति यूनिवर्सिटी कोर्ट के सभी सदस्यों, यूनिवर्सिटी के लोक संपर्क अधिकारी, संपादक, गैजेट आडिटर्स, रजिस्ट्रार तथा प्रोग्राम आफिसर के साथ संबंधित अधिकारियों को भी भेजी है।
योग्यता व उपलब्धियों को मिला सम्मान
1967 को बरनाला के गांव धौला में जन्मे क्रांति पाल शैक्षणिक तौर पर स्नातकोत्तर, एमफिल, पीएचडी और यूजीसी नेट पास हैं। हरियाणा के कुरुक्षेत्र से मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म का पीजी डिप्लोमा हासिल किया है। डॉ. क्रांतिपाल ने 17 पुस्तकें लिख चुके हैं। इन्ही पुस्तकों के आधार पर 5 लोग पीएचडी कर चुके हैं। अपनी उपलब्धियों के आधार पर डॉ. क्रान्ति पाल विभिन्न जगह से कई बार सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. क्रांतिपाल ने अपनी सोशल मीडिया साइट पर वादा किया है कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिली है वह उसे तनदेही से निभाएंगे।