अखिलेश बंसल, बरनाला :
शहर में आलीशान बस स्टैंड निर्माण के लिए करोड़ों की जमीन दान करने वाले शिरोमणि अकाली दल के स्वर्गीय जत्थेदार करतार सिंह जोशीला का नाम बरनाला बस स्टैंड के सभी जगह से गायब होने पर शिअद नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शर्मनाक बताया है। जिसको लेकर उन्होंने नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट रुपिन्दर सिंह संधू के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर तेज प्रताप सिंह फूलका तथा नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन मक्खन शर्मा को ज्ञापन सौंपे हैं। एडवोकेट संधू ने प्रेसवार्ता में बताया कि इस हरकत को कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने अंजाम दिया है, जो निंदनीय है। इस घटना की सूचना पार्टी की हाई कमान को भी दी गई है।
1986 में तब्दील हुआ था बस स्टैंड
गौरतलब है कि करीब 36 साल पहले बरनाला का बस स्टैंड घनी आबादी वाले इलाका में था। जहां बसों का पहुंचना फिर निकलना मुश्किल होता जा रहा था। उस समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन शिअद नेता जत्थेदार करतार सिंह जोशीला आगे आए थे। जोकि तत्कालीन जत्थे जोशीला मुख्यमंत्री स्व. सुरजीत सिंह बरनाला की दाहिनी बाजू माने जाते थे। उन्होंने मुस्तर्का माल्कन जमीन में से करीब 5 एकड़ भूमि बस स्टैंड को सुपुर्द कर दी थी। इसके साथ ही शहर की युवा पीढ़ी को खेल स्टेडियम और स्कूल भी दे दिया था।
शिअद ने दी यह चेतावनी
डिप्टी कमिश्नर तथा मौजूदा नगर सुधार ट्रस्ट चेयरमैन ज्ञापन सौंपते वक्त शिअद के क्षेत्र प्रमुख कुलवंत कंता ने कहा कि यदि प्रशासन ने दरवेश राजनीतिज्ञ का नाम बोर्डों पर पुन: शामिल नहीं किया तो शिअद द्वारा संघर्ष किया जाएगा। इस मौके पर उनके साथ पूर्व नगर परिषद के पूर्व प्रधान संजीव शोरी, राजिन्दर सिंह दराका, जिला शिकायत निवारण समिति सदस्य जतिंदर जिम्मी, नगर परिषद के पूर्व प्रधान परमजीत ढिल्लों, जत्थेदार जरनैल सिंह भोतना, यादविंदर सिंह बिट्टू, गुरजिंदर सिंह सिद्धू, बिंदर सिंह भी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने दिया भरोसा
डिप्टी कमिशनर तेज प्रताप सिंह फूलका और नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन मक्खन शर्मा का कहना है कि जिन बोर्डों से स्वर्गीय जत्थेदार करतार सिंह जोशीला का नाम हटाया गया था उसे जल्द शामिल किया जाएगा।
शहर में आलीशान बस स्टैंड निर्माण के लिए करोड़ों की जमीन दान करने वाले शिरोमणि अकाली दल के स्वर्गीय जत्थेदार करतार सिंह जोशीला का नाम बरनाला बस स्टैंड के सभी जगह से गायब होने पर शिअद नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शर्मनाक बताया है। जिसको लेकर उन्होंने नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट रुपिन्दर सिंह संधू के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर तेज प्रताप सिंह फूलका तथा नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन मक्खन शर्मा को ज्ञापन सौंपे हैं। एडवोकेट संधू ने प्रेसवार्ता में बताया कि इस हरकत को कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने अंजाम दिया है, जो निंदनीय है। इस घटना की सूचना पार्टी की हाई कमान को भी दी गई है।
1986 में तब्दील हुआ था बस स्टैंड
गौरतलब है कि करीब 36 साल पहले बरनाला का बस स्टैंड घनी आबादी वाले इलाका में था। जहां बसों का पहुंचना फिर निकलना मुश्किल होता जा रहा था। उस समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन शिअद नेता जत्थेदार करतार सिंह जोशीला आगे आए थे। जोकि तत्कालीन जत्थे जोशीला मुख्यमंत्री स्व. सुरजीत सिंह बरनाला की दाहिनी बाजू माने जाते थे। उन्होंने मुस्तर्का माल्कन जमीन में से करीब 5 एकड़ भूमि बस स्टैंड को सुपुर्द कर दी थी। इसके साथ ही शहर की युवा पीढ़ी को खेल स्टेडियम और स्कूल भी दे दिया था।
शिअद ने दी यह चेतावनी
डिप्टी कमिश्नर तथा मौजूदा नगर सुधार ट्रस्ट चेयरमैन ज्ञापन सौंपते वक्त शिअद के क्षेत्र प्रमुख कुलवंत कंता ने कहा कि यदि प्रशासन ने दरवेश राजनीतिज्ञ का नाम बोर्डों पर पुन: शामिल नहीं किया तो शिअद द्वारा संघर्ष किया जाएगा। इस मौके पर उनके साथ पूर्व नगर परिषद के पूर्व प्रधान संजीव शोरी, राजिन्दर सिंह दराका, जिला शिकायत निवारण समिति सदस्य जतिंदर जिम्मी, नगर परिषद के पूर्व प्रधान परमजीत ढिल्लों, जत्थेदार जरनैल सिंह भोतना, यादविंदर सिंह बिट्टू, गुरजिंदर सिंह सिद्धू, बिंदर सिंह भी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने दिया भरोसा
डिप्टी कमिशनर तेज प्रताप सिंह फूलका और नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन मक्खन शर्मा का कहना है कि जिन बोर्डों से स्वर्गीय जत्थेदार करतार सिंह जोशीला का नाम हटाया गया था उसे जल्द शामिल किया जाएगा।