Barnala News ( आज समाज) बरनाला : बरनाला नगर काउंसिल की चेयरमैनशिप को लेकर करीब 8 महीने से चल रहे मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की डबल बेंच के समक्ष पूरी हो गई। पंजाब सरकार के वकील और नगर परिषद बरनाला के पिछले समय के दौरान पद से उतारे गए नप अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील पवन कुमार और वकील विदुषी कुमार ने अपना पक्ष रखा। हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 11 के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस करमजीत सिंह ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें और पेश किए गए तथ्यों को सुनने के बाद कहा कि अदालत इस मामले का फैसला 27 अगस्त (मंगलवार) को सुनाएगी।
गौरतलब हो कि वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता मक्खन शर्मा, पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष और कांग्रेस शहरी ब्लॉक अध्यक्ष महेश कुमार लोटा, टकसाली कांग्रेस नेता जत्थेदार करमजीत आदि भी पहुंचे थे।
यह था पूरा मामला
गत 11 अक्टूबर 2023 को राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी आप सरकार के अधिकारियों ने स्थानीय निकाय विभाग के सचिव अजॉय शर्मा ने मौखिक आदेश जारी कर नगर परिषद बरनाला के कांग्रेस अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया को पद से हटा दिया था। सचिव शर्मा ने अपने आदेशों में लिखा कि नगर परिषद के अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामानावासिया को उनके पद से फारग कर दिया गया है। इन आदेशों के 6 दिन बाद ही सत्ताधारी पार्टी ने आनन-फानन में परिषद की बैठक बुलाकर आम आदमी पार्टी के पार्षद रूपिंदर सिंह शीतल को अध्यक्ष पद पर आसीन कर दिया था।
इसे मौजूदा सरकार की तानाशाही करार देते पूर्व नप अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया ने नप के नए अध्यक्ष के चयन पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में रिट दायर कर दी थी। जिसकी सुनवाई 17 अक्टूबर को हो रही थी, कि हाईकोर्ट ने नये चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर रोक लगा दी थी। जबकि इधर सत्ताधारी पार्टी के वर्कर रूपिंदर सिंह शीतल के अध्यक्ष चयनित होने पर बधाई दे ही रहे थे। उस दिन के बाद तारीख पर तारीख पड़ती चली गई, जिसे लेकर आज वीरवार को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई पूरी कर ली।