अखिलेश बंसल, बरनाला:
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को साहित्य के प्रति चुचि पैदा करने के उद्देश्य से जिला बरनाला के सरकारी स्कूलों में “पुस्तकालय लंगर” शुरू हुए हैं। जिनसे जुडऩे के बाद स्कूली बच्चों का बड़े स्तर पर मानसिक व बौधिक विकास होगा। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों के अलावा ऐसे ही “पुस्तकालय लंगर” जिले के धार्मिक स्थानों और अन्य स्थानों पर भी लगाए जा रहे हैं, इन लंगरों का लाभ लेने वीरवार को विद्यार्थियों और बच्चों के परिजनों का सैलाब उमड़ा। जिन्हें पढऩे को मन-पसंद पुस्तकें मिली।
जिलेभर में शुरु हुई “पुस्तकालय लंगर” मुहिम के बारे में जानकारी देते जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) सरबजीत सिंह तूर और जिला शिक्षा अधिकारी (एलिमेंट्री) कुलविन्दर सिंह सराए ने बताया कि जिलाभर के समूह सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और सीनियर सेकंडरी स्कूलों की तरफ से विद्यार्थियों की सुविधा के अनुसार पुस्तकालय लंगरों का प्रबंध कर पुस्तकें बांटना शुरू किया है। यह “पुस्तकालय लंगर” विद्यार्थियों के मन में पुस्तकें पढऩे की रुचि तो बढ़ेगी ही वहीं अकादमिक क्षेत्र में बेहतरीन उपलब्धियां हासिल होंगी। यह “पुस्तकालय लंगर” विद्यार्थियों को समाज के जिम्मेदार नागरिक बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इस मौके पर उनके साथ उप जिला शिक्षा अधिकारी हरकंवलजीत कौर और वसुंधरा कपिला भी उपस्थित थे।
शिक्षा शास्त्रियों ने बताया कारगर कदम:
सरकारी स्कूलों में शुरू हुई “पुस्तकालय लंगर” मुहिम की जिलेभर के शिक्षा शास्त्रियों ने सराहना की है। उन्होंने विद्यार्थियों को साहित्य से जोडऩे के कदमों की प्रशंसा की है। इनमें प्रसिद्ध कहानीकार भोला सिंह संघेड़ा, अशोक भारतीय, प्रिंसिपल जगदेव सिंह, प्रिंसिपल डा. रवीन्द्र पाल सिंह, प्रिंसिपल बरजिन्दरपाल सिंह, प्रिंसिपल विन्सी जिन्दल, प्रिंसिपल इकबाल कौर उदासी, प्रिंसिपल रेनूं बाला, प्रिंसिपल राकेश कुमार आदि थे।