अखिलेश बंसल, बरनाला:
पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ने यूनिवर्सिटी कैंपस, कॉन्स्टीच्यूएंट कॉलेज, रीजनल सेंटर और नेबरहुड कैंपस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की फीस को लेकर यूनिवर्सिटी कॉलेजों को दलित छात्रों से पीटीए का भुगतान करने का आदेश जारी किया है। जिसके खिलाफ विद्यार्थियों ने बरनाला कैंपस के प्रिंसिपल के जरिए उप-कुलपति डॉ अरविंद के नाम लिखित ज्ञापन दिया है। पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार) से संबंधित विद्यार्थी नेता मनवीर बीहला और पंजाब रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन के मनिंदर व मनजीत नमोल ने कहा कि हाल ही में यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी कैंपस, कांस्टीट्यूएंट कॉलेज, रीजनल सेंटर और नेबरहुड कैंपस में 10 प्रतिशत फीस बढ़ा दी है। इसके अलावा कांस्टीट्यूएंट कॉलेजों से संबंधित दलित विद्यार्थियों से पीटीए फंड के साथ-साथ कांस्टीट्यूएंट कॉलेजों में 50 प्रतिशत से कम दाखले वाले कोर्स बंद करने, जीएसटी और ट्रांसक्रिप्ट फीस बढ़ाने के फरमान जारी किए हैं। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण हैं। विद्यार्थी नेताओं ने चेताया है कि यह कॉलेज और विश्वविद्यालय सार्वजनिक संस्थान हैं, जिनके खर्चे उठाने की जिम्मेदारी सरकार की है। जो फरमान जारी किए हैं वह शिक्षा का निजीकरण, व्यवसायीकरण से संबंधित है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विद्यार्थी नेत्री रसन कौर ने कहा कि यह कॉलेज विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और आसान शिक्षा प्रदान करने के लिए खोले गए थे। पीटीए लगाकर और फीस बढ़ाकर, कोर्स बंद करने की साजिश है, जिससे बड़ी संख्या में लड़कियां शिक्षा से वंचित हो जाएंगी।उन्होंने चेतावनी देते कहा कि यदि विश्वविद्यालय ने अपने फरमान वापिस नहीं लिए तो वीसी व सरकार को छात्रों का संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। जारी किए इन फैसलों के खिलाफ जल्द ही कॉलेजों, गांवों और शहरों को लामबंद किया जाएगा।