अखिलेश बंसल, बरनाला :
पंजाब की पुलिस ने देश की आन-बान-शान कायम रखने के लिए सबसे ज्यादा बलिदान दिया है। पंजाब ने आतंकवाद को अपने तन पर झेला है, आतंकवाद के दौर में पंजाब पुलिस के आईपीएस अधिकारियों से लेकर कांस्टेबल व होमगार्ड तक के 1800 जवान शहीद हुए। यह बात पंजाब पुलिस निदेशक दिनकर गुप्ता ने कही है। जो कि जिला पुलिस मुख्यालय परिसर में तैयार किए गए 27 पुलिस शहीदों के स्मारक का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उनके साथ डीआईजी पटियाला रेंज विक्रमजीत सिंह दुग्गल, डिस्टिक सेशन जज बरनाला वीरेंद्र अग्रवाल, डिप्टी कमिश्नर बरनाला तेज प्रताप सिंह फूलका, जिला पुलिस मुखी संदीप गोयल, एसपी राजवंत कौर, डीएसपी डा प्रज्ञा जैन आईपीएस भी मौजूद थे।
गुप्ता ने कहा पंजाब को जब भी मार पड़ी है वो ज्योग्राफिकली के चलते पड़ती है। कारण है पाकिस्तान पंजाब के सरहद पर है, जो हमेशा भारत की एकता व अखंडता का दुश्मन है। जो किसी ना किसी तरह से भारत को छिन्न भिन्न करने की ताक में और फसाद कराने की ताक में रहता है।
गुप्ता ने बताया कि उनकी पुलिस में तैनाती आतंकवाद के दौर में 1984 के दौरान हुई थी उस वक्त किसी और से नहीं लगता था के पंजाब में शांति भी हो सकेगी पंजाब पुलिस ने एकजुट होकर पंजाब को बचाने के लिए पहिया किया जिसके बाद पंजाब से आतंकवाद मिट सका।
समारोह के उद्घाटन के मौके पहुंचे शहीद पुलिस जवानों के परिवारों को संबोधित करते गुप्ता ने कहा कि मैं नतमस्तक हूं और रहूंगा, उनके परिवारों से निकल पुलिस जवानों ने शहादत दी हैं, पंजाब की शान को शांति को बरकरार रखा है। उनका दुख सुनना और उन्हें उनकी समस्याओं को दूर करना पुलिस के हर जवान व हर अधिकारी की नैतिक जिम्मेदारी है। गुप्ता ने बरनाला के डिप्टी कमिश्नर तेज प्रताप सिंह फूल के पिता को आतंकवाद को खत्म करने के लिए निभाई गई भूमिका की सराहना की।
पुलिस के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए बरनाला में तैयार की गई तैयार किए गए शहीदी स्मारक की तुलना अमर जवान ज्योति के साथ करते डीजीपी गुप्ता ने एसएसपी बरनाला संदीप गोयल की तारीफ की। उल्लेखनीय है इस मौके पर डीजीपी दिनकर गुप्ता को सम्मानित करने के लिए शहर की व्यापारिक संस्थाएं, समाजसेवी संस्थाएं व धार्मिक संस्थाएं भी पहुंची। जिन्होंने ताम्र धातु से बने स्मृति चिन्ह भेंट किए।