अखिलेश बंसल, बरनाला:
दिव्यांगता के जाली दस्तावेज शामिल कर स्वीपर-कम-चौकीदार आसामी से क्लर्क पदोन्नत हुआ सीएचसी महलकलां में तैनात सेहत विभाग कर्मी की स्वीपर-कम-चौकीदार (दर्जा-4) आसामी पर फिर से वापिस कर सुधार पोस्टिंग कर दी गई है। यह पुष्टि सिविल सर्जन, बरनाला डॉ. जसवीर सिंह औलख ने की है। सेहत विभाग में इस मामले का खुलासा होने के बाद अब जिले के बाकी विभागों में भी हलचल पैदा हो गई है।
यह था मामला:
सिविल सर्जन डॉ. जसवीर सिंह औलख की ओर से कुछ दिन पहले विभाग में दिव्यांगता के आधार पर नौकरी व पदोन्नत हासिल करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर शिकंजा कसने के लिए हरेक से दस्तावेज एकत्रित करवाए गए थे, उनकी जांच-पड़ताल करने को पड़तालिया कमेटी का गठन किया गया था। जिसके दौरान जसविंदर सिंह नामक एक कर्मचारी जो कि क्लर्क पद पर पीएचसी. महलकलां में तैनात था, उसकी तरफ से अपंगता का 45 प्रतिशत का सर्टिफिकेट गलत लगा कर स्वीपर-कम-चौकीदार से दिव्यांग कोटे के अंतर्गत बतौर क्लर्क की पदोन्नति लेने का खुलासा हुआ था। उसके बाद दफ्तर सिविल सर्जन की ओर से जसविंदर सिंह के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सेहत व परिवार भलाई विभाग के निदेशक को पत्र लिखा गया था। जिस पर कार्यवाही करते डायरेक्टर सेहत व परिवार भलाई ने जसविंदर सिंह को क्लर्क की पदोन्नति वापिस लेते हुए फिर स्वीपर-कम-चौकीदार (दर्जा -4) आसामी पर वापस भेजते सुधार की पोस्टिंग कर दी गई है।
उच्चस्तरीय जांच कमेटी का भी हुआ गठन:
डॉ. औलख ने बताया है कि सेहत व परिवार भलाई विभाग निदेशक से प्राप्त हुए आदेशानुसार जसविंदर सिंह की तरफ से पेश किये गए जाली दस्तावेज /अंगहीणता सर्टिफिकेट संबंधित मुकम्मल पड़ताल करने के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया जा चुका है। यह समिति 30 दिनों के अंदर पड़ताल रिपोर्ट डायरेक्टर सेहत पर परिवार भलाई को सौंप देगी।