अखिलेश बंसल, बरनाला
गत वर्ष कोरोना महामारी के दौरान नांदेड़ (महाराष्ट्र) से यात्रियों को सुरक्षित लाने के वक्त मरे पेप्सू रोडवेज ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के बस चालक मनजीत सिंह के परिवार को पंजाब सरकार द्वारा घोषित 50 लाख की मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिल सकी है। जिससे आक्रोशित हुए गांव बडबर वासियों ने शुक्रवार को बठिंडा-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राज मार्ग जाम कर दिया।
अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार
गांव बडबर निवासी बलजीत सिंह ने जानकारी दी कि गत वर्ष कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में नांदेड़ स्थित श्री हजूर साहिब में सैंकड़ों श्रद्धालु फंस गए थे। जिन्हें उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी बसें रवाना की थी। उन्हीं में पीआरटीसी की बस का चालक मनजीत सिंह बडबर भी यात्रियों को लेने पहुंचा था। जिसकी राह में मौत हो गई थी। जिसका शव गांव पहुंचने से पहले राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की थी। घटना को एक साल बीत चुका है लेकिन पीड़ित परिवार को घोषित राशि नहीं मिली है। मनजीत सिंह परिवार का गुजारा करने वाला अकेला सदस्य था। जिसकी मौत के बाद परिवार दाने दाने को मोहताज हो गया। जिससे आक्रोशित गांव के लोगों ने शुक्रवार धरना लगाने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि धरनाकारियों ने इस लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
पांच घंटे बाद पहुंचा प्रशासन
मृतक पीआरटीसी बस चालक के परिजनों को घोषित मुआवजा दिलाने के लिए गांव वासियों ने शुक्रवार की सुबह 11 बजे धरना लगाया था। जिसके बाद हजारों वाहन चालकों को परेशानी से गुजरते कच्चे रास्तों से गुजरना पड़ा था। स्थिति गंभीर होती देख धनौला के नायब तहसीलदार आशु प्रभ जोशी पांच घंटे बाद सायं 4 बजे धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने धरनाकारियों से ज्ञापन लेकर डीसी के जरिए सरकार को भेजने और दो सप्ताह के भीतर सार्थक जवाब देने का आश्वासन दिया। जिसके बाद धरना खत्म किया गया। धरनाकारियों ने चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों तक भी मुआवजा नहीं मिला तो अनिशचतकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।