अखिलेश बंसल, बरनाला:
राज्य की 32 किसान जत्थेबंदियों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चे ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए तीन खेती कानून रद्द करवाने और एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनवाने के लिए बरनाला रेलवे स्टेशन पर लगाए जाने वाला 285 वें दिन का धरना भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ धनौला में लगाया गया। वहां पहुंच किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और हरजीत गरेवाल को किसान विरोधी शब्दावली का प्रयोग नहीं करने की सलाह देते हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी। यह भी कहा कि भविष्य में यदि अमन-शान्ति के साथ चल रहे माहौल में कोई विघ्न पैदा होता है तो इसकी जिम्मेदार सीधे रूप में भाजपा की होगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि संगठनात्मक तौर पर मोदी हुकूमत की हर साजिश का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। विभिन्न प्रांतों में चल रहा तीन खेती विरोधी कानून रद्द संघर्ष गारंटी वाला नया कानून बनवाकर ही वापस लौटेगा, भले ही शहादतें ही क्यों न देनी पड़े।
धरनाकारियों में शामिल धरने को बलवंत सिंह उपली, करनैल सिंह गांधी, दर्शन सिंह उगोके, बारा सिंह बदरा, पवित्तर सिंह लाली, अमरजीत कौर, अमरजीत कौरर, प्रेमपाल कौर, दर्शन दास, महिंद्र सिंह वड़ैच ने कहा कि भाजपा नेता हरजीत सिंह गरेवाल किसानों के धरने को नाकारात्मक करने की कोशिश में है जो किसान विरोधी एवं भडक़ाउ शब्दावली का प्रयोग कर रहा है। भाजपा नेता हरजीत ग्रेवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है, जो किसान आंदोलन के शुरू होने से ही किसानों के विरुद्ध आग उगलदा आ रहा है। वह किसानों को कभी आतंकवादी, कभी खालिस्तानी, गुंडे, कलंक, अराजकतावादी त्तव और कभी नकसलवाड़ीए करार देता आ रहा है। यह बड़बोला नेता किसानों के साथ निजी स्तर का दुश्मन रूपी व्यवहार धारण किए बैठा है। यह अहंकारी नेता हर दिन किसानों को चुनौती देता रहता है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से तीन दिन पहले ही धनौला पहुंच हरजीत सिंह ग्रेवाल को चुनौती देने का आह्वान किया गया था। जिसके चलते सोमवार को किसान समूह अलग अलग रास्तों व गांवों से चलकर धनौला की दाना मंडी में इकठ्ठा हुए। जिसके बाद अपने अपने वाहनों पर सवार हो धनौला को बाजारो से गुजरे। हजारों की संख्या में पहुंचे मुजाहराकारियों ने वाहनों से उतर कर शहर में आक्रोश भरे नारेबाजी की। किसानों ने धनौला वासियों से भी कहा कि आज किसान ग्रेवाल के ही कस्बे में उसे जवाब देने पहुंचे हैं। यदि वह अब भी किसान विरोधी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसके विरुद्ध आंदोलन तीखा कर दिया जायेगा।