साल 2020-21 के दौरान जिला के 22 बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के.) के अंतर्गत नयी जिंदगी मिली है। जो विभिन्न जन्मजात बीमारियों (शारीरिक कमियों, बचपन की बीमारियां, वृद्धि में देरी और अंगहीणता) से पीड़ित चले आ रहे थे। यह जानकारी सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह ओळख ने दी है। उन्होंने बताया कि जिला के जिन बच्चों को निशुल्क सेहत सेवाएं हासिल हुई हैं उनमें ब्लॉक बरनाला के 8 बच्चे, ब्लाक तपा के 6 बच्चे, ब्लाक धनौला के 4 बच्चे और ब्लॉक महलकलां के 4 बच्चे हैं।
गौरतलब है कि पंजाब राज के 0 से 18 साल तक के बच्चों की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अधीन जन्मजात 30 बीमारियों का मुफ्त इलाज और रेफर करने की सुविधा पंजाब सरकार की ओर से देने का प्रावधान है। दिल के सुराख वाली सर्जरी के 4 बच्चों का इलाज पी.जी.आई. चंडीगढ़, फोर्टिस मोहाली, जन्मजात दिमागी कमजोरी वाले 8 बच्चों का इलाज, शारीरिक कमजोरी, खून की कमी और कुपोषण से पीड़ित 3 बच्चों का इलाज, नजर कमजोरी वाले 2 बच्चों का इलाज, कानों से कम सुनने और कम बोलने वाले 3 बच्चों का इलाज, टेड़े पैर से पीड़ित 2 बच्चों का सरकारी मेडिकल कॉलेज फरीदकोट और पटियाला में सफलता पूर्वक एवं पूरी तरह से नि:शुल्क हुआ है।