अखिलेश बंसल, बरनाला:
संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब द्वारा बरनाला रेलवे स्टेशन पर चल रहा किसान आंदोलन 302वें दिन में प्रवेश कर गया। इस मौके पर पहुंची 100 वर्षिय वयोवृद्ध महिला माता करतार कौर निवासी गांव कर्मगढ़ ने ऐलान किया कि 31 जुलाई को मनाया जाने वाला शहीद उधम सिंह का शहीदी दिवस इस बार साम्राज्य विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जायेगा। जिसे आंदोलनकारी किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के जिंदाबादी नारे लगाते प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस घोषणा से धरनाकारी महिलाओं में नया जोश भर दिया।
32 जत्थेबंदियों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से तीन खेती कानूनों को रद्द करवाने और एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनवाने के लिए बरनाला रेलवे स्टेशन पर लगातार जारी धरनो को संबोधित करते बलवंत सिंह उपली, करनैल सिंह गांधी, गुरदेव सिंह मांगेवाल, नरैण दत्त, नछत्तर सिंह साहौर, जगसीर सिंह सीरा, नेकदर्शन सिंह, बलजीत सिंह चौहानके, गुरमेल शर्मा, मनजीत कौर खड्डी कलाँ, बाबू सिंह, उजागर सिंह बीहला, रणधीर सिंह राजगढ़ ने कहा कि किसान संसद का प्रभाव साफ दिखाई देने लगा है। ‘वोटरज विप्प’ और किसान संसद के दबाव तले विरोधी राजनैतिक पार्टियों के सांसद किसान मांगों वाली तख्तियां ले कर रोष प्रदर्शन ही नहीं कर रहे बल्कि किसान संसद में हाजि?ी लगाने लगे हैं। वक्ताओं ने कहा है कि राजसी नेताओं ने गांवों में चुनावी फेरियां लगानी शुरू कर दी हैं जिससे ग्रामीण भाईचारे में फूट पड?े लगी है। राजनैतिक नेता हमेशा जाति, धर्मों आदि के आधार पर लोगों में फूट डाल कर वोट बैंक जुटाते हैं, लेकिन इस बार किसान आंदोलन से यह पुरानी पॉलिसी खत्म हो गी है जिससे रचनात्मिक प्रवृत्ति पाई जाने लगी है।
संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब द्वारा बरनाला रेलवे स्टेशन पर चल रहा किसान आंदोलन 302वें दिन में प्रवेश कर गया। इस मौके पर पहुंची 100 वर्षिय वयोवृद्ध महिला माता करतार कौर निवासी गांव कर्मगढ़ ने ऐलान किया कि 31 जुलाई को मनाया जाने वाला शहीद उधम सिंह का शहीदी दिवस इस बार साम्राज्य विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जायेगा। जिसे आंदोलनकारी किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के जिंदाबादी नारे लगाते प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस घोषणा से धरनाकारी महिलाओं में नया जोश भर दिया।
32 जत्थेबंदियों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से तीन खेती कानूनों को रद्द करवाने और एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनवाने के लिए बरनाला रेलवे स्टेशन पर लगातार जारी धरनो को संबोधित करते बलवंत सिंह उपली, करनैल सिंह गांधी, गुरदेव सिंह मांगेवाल, नरैण दत्त, नछत्तर सिंह साहौर, जगसीर सिंह सीरा, नेकदर्शन सिंह, बलजीत सिंह चौहानके, गुरमेल शर्मा, मनजीत कौर खड्डी कलाँ, बाबू सिंह, उजागर सिंह बीहला, रणधीर सिंह राजगढ़ ने कहा कि किसान संसद का प्रभाव साफ दिखाई देने लगा है। ‘वोटरज विप्प’ और किसान संसद के दबाव तले विरोधी राजनैतिक पार्टियों के सांसद किसान मांगों वाली तख्तियां ले कर रोष प्रदर्शन ही नहीं कर रहे बल्कि किसान संसद में हाजि?ी लगाने लगे हैं। वक्ताओं ने कहा है कि राजसी नेताओं ने गांवों में चुनावी फेरियां लगानी शुरू कर दी हैं जिससे ग्रामीण भाईचारे में फूट पड?े लगी है। राजनैतिक नेता हमेशा जाति, धर्मों आदि के आधार पर लोगों में फूट डाल कर वोट बैंक जुटाते हैं, लेकिन इस बार किसान आंदोलन से यह पुरानी पॉलिसी खत्म हो गी है जिससे रचनात्मिक प्रवृत्ति पाई जाने लगी है।