Bangladesh-India Relations, (आज समाज), ढाका: भारत-बांग्लादेश के बीच तल्ख रिश्तों के बीच भले पड़ोसी मुल्क की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अपने यहां कई सुधारों की डींगे मारे, लेकिन हकीकत कुछ और है। कभी भारत व अन्य देशों से बांग्लादेश चावल की मांग करता है तो कभी डीजल व अन्य जरूरत की चीजें। हाल ही में बांग्लादेश सरकार भारत के समक्ष फिर झुकी है और उसने अब भारत से डीजल आयात करने का निर्णय लिया है।
पहले 50,000 टन गैर-बासमती चावल इंपोर्ट करने का निर्णय
बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने अपनी घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए भारत से 50,000 टन गैर-बासमती चावल इंपोर्ट करने का निर्णय लिया था। बांग्लादेश सरकार ने हाल ही में म्यांमार से 22000 हजार टन चावल मांगा था। वहीं पिछली भारत सरकार ने भी बांग्लादेश को बासमती चावल मुहैया करवाया था।
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तख्तापलट होने के बाद से बनी है तल्खी
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त में बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद से भारत-बांग्लादेश के बीच सीमा विवाद व राजनयिक रिश्तों के अलावा कई अन्य मुद्दों पर तल्खी बनी हुई है। इस बीच बांग्लादेश ने भारत से 130,000 मीट्रिक टन डीजल आयात करने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले सप्ताह रविवार को बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन (बीपीसी) के निदेशक मंडल की मीटिंग में भारत की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) से 130,000 मीट्रिक टन डीजल इंपोर्ट करने को मंजूरी दी गई है।
1,137 करोड़ बांग्लादेशी टका मूल्य का होगा डीजल
बीपीसी सूत्रों के मुताबिक जनवरी-2025 से दिसंबर-2025 के बीच बांग्लादेश एनआरएल से 1,137 करोड़ बांग्लादेशी टका मूल्य का डीजल आयात करेगा। रिपोर्टों के मुताबिक इस बर्ष बीपीसी के रिफाइंड ईंधन आयल की डिमांड 7.4 मिलियन मीट्रिक टन है। इसमें से 4.6 मिलियन टन डीजल है और इसका 80 फीसदी सीधे तौर पर इंपोर्ट किया जाता है। बाकी पड़ोसी मुल्की लोकल रिफाइनरियों में उपलब्ध है। गौरतलब है कि बीपीसी रेग्युलर एनआरएल से रिफाइंड ईंधन आयल का आयात करती है। जनवरी-2016 से यह आयल ट्रेन के जरिये बांग्लादेश पहुंच रहा है।
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