Bangladesh Crisis, (आज समाज), ढाका: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में बड़ा उलटफेर जारी है। अपनी सरकार के खिलाफ हिंसक हुए प्रदर्शनों के बाद हसीना ने पिछले कल पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद मिली जानकारी के अनुसार वह सेना के हेलीकॉप्टर से भारत पहुंची हैं। लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक वह एक सैन्य विमान से लंदन गई हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई हैं की हसीना कहां हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वह भारत में ही हैं और उनके यूरोप जाने का प्लान है। दूसरी तरफ जेल में बंद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया की किस्मत चमक गई है।
- दो दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत
राष्ट्रपति की कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं हसीना
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के इस्तीफ के बाद सोमवार को ही खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया है। बता दें कि हसीना राष्टÑपति की कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। उनके छोड़ने के बाद बांग्लादेश की सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली और इसके कुछ घंटे बाद ही राष्ट्रपति ने खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का निर्देश दिया।
सर्वसम्मति से लिया खालिदा की रिहाई का निर्णय
मोहम्मद शहाबुद्दीन की प्रेस टीम ने एक बयान जारी कर कहा कि शहाबुद्दीन के नेतृत्व में हुई एक बैठक में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।बैठक में सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख और बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। बता दें कि हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना ने सत्ता के खालीपन को भरने के लिए कदम उठाते हुए अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की।
हसीना के सरकारी आवास में लूटपाट
हसीना के देश छोड़ने की खबर फैलने के बाद हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके सरकारी आवास में लूटपाट और तोड़फोड़ की। हसीना सरकार के विरोध में प्रदर्शनों में पिछले दो दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। पिछले महीने शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन विवादास्पद कोटा व्यवस्था के खिलाफ थे।
1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण देने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग के साथ हुए ये प्रदर्शन बाद में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गए। सड़कों पर उतरे उग्र प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को हथौड़ों से तोड़ दिया और उनकी पार्टी के कार्यालयों में आग लगा दी।
सेना प्रमुख ने की थी हसीना के इस्तीफे की घोषणा
सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने हसीना (76) के इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा कि अंतरिम सरकार सत्ता संभालेगी। जमां ने हसीना के 15 वर्ष के सत्ता के अंत का संकेत देते हुए कहा, ह्लमैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें। सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनेताओं से मुलाकात कर उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी. बैठक में हालांकि हसीना की अवामी लीग पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था।