Bangladesh India Relations, (आज समाज), ढाका: बांग्लादेश और भारत के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने कोलकाता और त्रिपुरा से अपने दो वरिष्ठ राजनयिकों को तत्काल वापस बुला लिया है। सूत्रों के अनुसार सहायक उच्चायुक्त आरिफ मोहम्मद और कार्यवाहक उप उच्चायुक्त शिकदर मोहम्मद अशरफुल को इस सप्ताह गुरुवार को वापस बुलाया गया और इसकी जानकारी अब सामने आई है। आरिफ मोहम्मद अगरतला में और शिकदर मोहम्मद अशरफुल कोलकाता में कार्यरत हैं।
ढाका से काम करने के निर्देश
यूनुस सरकार का राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला बांग्लादेश में धार्मिक नेता और हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी और वहां अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों के बाद आया है। नई दिल्ली स्थित राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, दोनों राजनयिकों को अगले निर्देश तक कथित तौर पर ढाका से काम करने के लिए कहा गया है।
शिकदर मोहम्मद गुरुवार को बांग्लादेश लौटे
सूत्रों ने बताया कि शिकदर मोहम्मद गुरुवार को बांग्लादेश लौट आए, जबकि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला मिशन के आरिफ मोहम्मद शनिवार तक ढाका पहुंचेंगे। उन्हें मंगलवार को आपातकालीन आधार पर ढाका लौटने का आदेश दिया गया था। इस हफ्ते की शुरुआत में सैकड़ों लोगों ने अगरतला में सहायक उच्चायोग के कार्यालय में घुसपैठ की थी, जिसके कारण मिशन को वाणिज्य दूतावास सेवाएं निलंबित करनी पड़ी थीं।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों का अगरतला में विरोध
अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने अगरतला में बांग्लादेशी मिशन के पास एक विशाल रैली निकाली, जिसमें बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी के साथ-साथ देश में हिंदू समुदाय पर हमलों का विरोध किया गया। एक बयान में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि अगरतला के प्रदर्शनकारियों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने ध्वज स्तंभ को तोड़ दिया और बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
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